2025 बना बेस ईयर, उपप्रधान पद रहेगा अनारक्षित ; जानें किसे कहां मिलेगा मौका
शिमला। न्यूज व्यूज पोस्ट।
हिमाचल प्रदेश में इस साल दिसंबर में होने जा रहे पंचायत चुनाव से पहले प्रदेश सरकार ने आरक्षण प्रणाली में बड़ा बदलाव किया है। अब तक 2010 में तय किए गए रोस्टर के आधार पर चुनाव कराए जा रहे थे, लेकिन अब 15 साल बाद 2025 को आधार वर्ष मानते हुए नया आरक्षण रोस्टर लागू किया जाएगा।
सरकार के इस फैसले के बाद अब आरक्षण रोटेशन नहीं होगा, बल्कि सभी पंचायतों में पहली बार की तरह नए सिरे से आरक्षण तय किया जाएगा। इससे कई पंचायतों और वार्डों की आरक्षित/अनारक्षित स्थिति पूरी तरह बदल सकती है।
🔍 क्या बदलेगा इस बार?
- 3577 पंचायतों में होंगे चुनाव।
- प्रधान, उपप्रधान, वार्ड मेंबर, पंचायत समिति व जिला परिषद के लिए जनता चुनेगी प्रतिनिधि।
- उपप्रधान पद पर कोई आरक्षण लागू नहीं होगा — यह सभी के लिए खुला रहेगा।
📊 आरक्षण तय करने का फॉर्मूला
- SC आरक्षण: पंचायत/वार्ड में SC आबादी 5% या उससे अधिक होनी चाहिए।
- ST आरक्षण: इसी तरह ST के लिए आरक्षण भी आबादी के अनुपात में होगा।
- OBC आरक्षण: SC/ST के बाद OBC के लिए सीटें आरक्षित होंगी।
- महिला आरक्षण: सभी श्रेणियों में महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण।
यदि किसी पंचायत में SC/ST/OBC आबादी 5% से कम है, तो वह सीट अनारक्षित (Open) घोषित की जाएगी।
🧭 क्या कहता है पिछला इतिहास?
- पिछली बार 2010 में आरक्षण रोस्टर तैयार किया गया था।
- उसी आधार पर 2010, 2015 और 2020 के चुनाव कराए गए।
- अब 2025 में पहली बार नया फर्स्ट रोस्टर लागू होगा।
📌 निष्कर्ष:
आरक्षण रोस्टर में हुए इस बदलाव का सीधा असर चुनाव लड़ने की इच्छुक जनता पर पड़ेगा। उम्मीदवारों को अब अपने वार्ड या पंचायत के पुराने रोटेशन पर नहीं, बल्कि नए रोस्टर के अनुसार योजना बनानी होगी। इससे कई सीटों की आरक्षित स्थिति बदल सकती है।