नई दिल्ली। न्यूज व्यूज पोस्ट।
देश की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए केंद्र सरकार ने इंटर सर्विस ऑर्गेनाइजेशन (ISO) नियम को आधिकारिक रूप से लागू कर दिया है। इसके तहत अब तीनों सेनाओं—आर्मी, नेवी और एयरफोर्स—के जवानों पर एक ही अधिकारी कार्रवाई कर सकेगा, चाहे वे किसी भी फोर्स से जुड़े हों।
सरकार ने बुधवार को इस नियम की अधिसूचना राजपत्र (गजट) में प्रकाशित कर दी है। अब तक तीनों सेनाओं के बीच कमांड और अनुशासन के लिए अलग-अलग व्यवस्था थी, लेकिन अब एकीकृत कमांड की दिशा में यह बड़ा कदम माना जा रहा है।
क्या है नया प्रावधान?
- अब इंटर सर्विस ऑर्गेनाइजेशन के तहत एक कमांडर-इन-चीफ या ऑफिसर-इन-कमांड की नियुक्ति होगी।
- यह अधिकारी तीनों सेनाओं के जवानों पर कार्रवाई कर सकेगा, चाहे उनका संबंध किसी भी सेवा से हो।
- अब थलसेना का कोई अधिकारी नौसेना या वायुसेना के जवानों को भी आदेश दे सकेगा, अगर वे एक ही ISO यूनिट में कार्यरत हैं।
- अनुशासनहीनता जैसे मामलों में अब जल्दी फैसला लिया जा सकेगा।
कानून की टाइमलाइन:
- यह बिल दो साल पहले मानसून सत्र में संसद में पेश और पारित हुआ था।
- 15 अगस्त 2023 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी।
- अब इसे औपचारिक रूप से लागू कर दिया गया है।
क्यों जरूरी था यह बदलाव?
देश की संयुक्त सैन्य इकाइयों (Joint Commands) में तीनों सेनाओं के जवान एक साथ काम करते हैं। अब तक इन पर अलग-अलग अधिकारियों का नियंत्रण होता था, जिससे फैसले लेने में देरी होती थी। नया नियम एकजुटता, अनुशासन और दक्षता सुनिश्चित करेगा।