नई दिल्ली, न्यूज व्यूज पोस्ट: अगर आपने बैंक से कोई होम लोन, पर्सनल लोन या कार लोन लिया है और उसे समय पर चुकाने में परेशानी हो रही है, तो आपके लिए एक बड़ी राहत की खबर है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोन डिफॉल्टर्स के लिए एक नया नियम लागू किया है, जिससे न केवल EMI का बोझ कम होगा, बल्कि आपका क्रेडिट स्कोर भी सुरक्षित रहेगा।
क्या है RBI का नया नियम?
RBI ने हाल ही में लोन रीस्ट्रक्चरिंग (Loan Restructuring) को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इसके तहत अगर कोई व्यक्ति लोन की पूरी रकम एक बार में चुकाने में असमर्थ है, तो वह बैंक से लोन पुनर्संरचनाकरण की सुविधा ले सकता है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी ने ₹10 लाख का लोन लिया है और वह पूरा नहीं चुका पा रहा, तो वह बैंक से कह सकता है कि पहले ₹5 लाख चुका दे और बाकी रकम को लंबी अवधि में किस्तों में चुकाए।
क्या होगा फायदा?
- EMI होगी कम: नए नियमों के तहत लोन की अवधि बढ़ाकर EMI कम की जा सकती है।
- डिफॉल्टर टैग हटेगा: यदि आप समय रहते रीस्ट्रक्चरिंग के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक आपको डिफॉल्टर नहीं मानेगा।
- क्रेडिट स्कोर रहेगा बेहतर: रीस्ट्रक्चरिंग कराने से आपका सिबिल स्कोर खराब नहीं होगा, जिससे भविष्य में लोन मिलने में परेशानी नहीं होगी।
- मानसिक तनाव में राहत: EMI का बोझ कम होने से मानसिक और आर्थिक तनाव भी घटेगा।
क्यों जरूरी है यह नियम?
COVID-19 के बाद से पर्सनल लोन और असुरक्षित लोन लेने वालों की संख्या में तेज़ी से इज़ाफा हुआ है। लेकिन बढ़ती महंगाई और बेरोज़गारी के चलते लोन चुकाना कई लोगों के लिए चुनौती बन गया है। ऐसे में RBI का यह कदम आम जनता को बड़ी राहत देने वाला साबित हो