हिमाचल सड़क परिवहन निगम (HRTC) से बर्खास्त किए गए चालक रविंद्र सिंह ने सरकार और निगम प्रबंधन के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। एक वीडियो जारी कर उन्होंने खुलासा किया कि विभागीय जांच (इंक्वायरी) के नाम पर उन्हें धीमे ज़हर (Slow Poison) देने की साजिश रची गई।
“सिस्टम के खिलाफ आवाज उठाने की सजा मिल रही है!”
रविंद्र सिंह का दावा है कि उन्होंने विभाग में हो रहे अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी, जिसके बाद उन्हें मनगढ़ंत आरोपों में फंसाकर बर्खास्त कर दिया गया। अब उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
आत्महत्या न करने की अपील
वीडियो में रविंद्र सिंह ने समाज के सभी वर्गों से आत्महत्या जैसा कदम न उठाने की अपील की है। उन्होंने कहा,
“अगर आप किसी दबाव में हैं या अन्याय का शिकार हो रहे हैं, तो खुलकर बताएं। लेकिन आत्महत्या बिल्कुल न करें, यह किसी समस्या का हल नहीं है।”
सरकार और निगम प्रबंधन पर उठे सवाल
रविंद्र सिंह के आरोपों ने सरकार और निगम प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या उनके आरोपों की निष्पक्ष जांच होगी?
क्या सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करेगी?
या यह भी एक और मामला बनकर धूल फांकता रह जाएगा?
अब देखना होगा कि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर क्या कदम उठाता है।