नई दिल्ली: न्यूज व्यूज पोस्ट।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने वर्ष 2024-25 के लिए मुख्य कृषि फसलों (खरीफ एवं रबी) के दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान जारी कर दिए हैं। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आंकड़ों को मंजूरी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा लगातार कृषि क्षेत्र के विकास के लिए काम किया जा रहा है। इसके तहत किसानों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सहयोग और प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिससे कृषि उत्पादन लगातार रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ रहा है।
रिमोट सेंसिंग, मौसम निगरानी और हितधारकों से प्राप्त सुझावों के आधार पर तैयार अनुमानों के अनुसार, इस वर्ष प्रमुख खाद्यान्नों और तिलहनों का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में अधिक रहने की संभावना है।
2024-25 में भारत में मुख्य फसलों का उत्पादन (खरीफ एवं रबी)
(नोट: एक गांठ = 170 किलोग्राम)
मुख्य फसलों में रिकॉर्ड उत्पादन
1. गेहूं और धान का रिकॉर्ड उत्पादन
इस वर्ष गेहूं उत्पादन 1154.30 लाख मीट्रिक टन होने की संभावना है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 21.38 लाख मीट्रिक टन अधिक है। इसी तरह, खरीफ चावल का उत्पादन 1206.79 लाख मीट्रिक टन रहेगा, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर होगा।
2. मक्का और श्री अन्न में उल्लेखनीय वृद्धि
मक्का उत्पादन (खरीफ + रबी) कुल 372.49 लाख मीट्रिक टन होने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 23.79 लाख मीट्रिक टन अधिक है। श्री अन्न (मोटे अनाज) का उत्पादन भी 168.33 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचने की संभावना है।
3. तिलहन उत्पादन में मजबूती
तिलहनों में सोयाबीन, मूंगफली और सरसों का उत्पादन बढ़ने का अनुमान है।
- सोयाबीन का उत्पादन 151.32 लाख मीट्रिक टन अनुमानित है, जो पिछले वर्ष से 20.70 लाख मीट्रिक टन अधिक है।
- मूंगफली का उत्पादन 104.26 लाख मीट्रिक टन होगा, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है।
- रेपसीड और सरसों का उत्पादन 128.73 लाख मीट्रिक टन होगा।
4. गन्ना और कपास उत्पादन में बढ़ोतरी
गन्ना उत्पादन 4350.79 लाख मीट्रिक टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल से 100.79 लाख मीट्रिक टन अधिक है। कपास का उत्पादन 294.25 लाख गांठें रहेगा।
उत्पादन वृद्धि के पीछे प्रमुख कारण
- सरकार की योजनाएं: पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम फसल बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड और जैविक खेती को बढ़ावा देने वाली योजनाओं का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
- आधुनिक कृषि तकनीक: रिमोट सेंसिंग, मौसम आधारित कृषि सलाह, सिंचाई सुविधाओं में सुधार आदि ने कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी की है।
- अनुकूल मौसम: इस वर्ष मानसून सामान्य रहा, जिससे खरीफ फसलों का उत्पादन बढ़ा।
- बीज और उर्वरकों की उपलब्धता: सरकार द्वारा किसानों को सही समय पर उन्नत बीज और उर्वरक उपलब्ध कराए गए।
आर्थिक और बाजार पर प्रभाव
- किसानों की आय में वृद्धि: अधिक उत्पादन से किसानों को अधिक लाभ मिलेगा।
- खाद्य सुरक्षा: भारत में अनाज भंडार मजबूत रहेगा और खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
- निर्यात अवसर: गेहूं, चावल और तिलहन के निर्यात में वृद्धि हो सकती है, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होगा।
- मूल्य स्थिरता: अधिक उत्पादन के कारण खाद्य वस्तुओं की कीमतें स्थिर रहने की संभावना है।
क्या हो सकती हैं चुनौतियां?
- मौसम का प्रभाव: अगले कुछ महीनों में हीटवेव या बारिश की कमी उत्पादन को प्रभावित कर सकती है।
- मंडियों में कीमतों का नियंत्रण: यदि अधिक उत्पादन हुआ तो कीमतें गिर सकती हैं, जिससे किसानों को नुकसान हो सकता है।
- भंडारण और लॉजिस्टिक्स: अधिक उत्पादन होने से गोदामों और कोल्ड स्टोरेज की क्षमता एक बड़ी चुनौती बन सकती है।
निष्कर्ष
भारत में 2024-25 के लिए कृषि उत्पादन के अनुमान उत्साहजनक हैं। गेहूं, धान, मक्का, सोयाबीन और सरसों जैसी प्रमुख फसलों का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर है। यह न केवल किसानों के लिए बल्कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिए भी सकारात्मक संकेत है। हालांकि, बाजार स्थिरता बनाए रखने के लिए सरकार को फसलों की उचित कीमत और भंडारण सुविधाओं पर ध्यान देना होगा।