रामपुर: न्यूज व्यूज पोस्ट।
आर्थिक असुरक्षा से जूझ रहे पेंशनरों का गुस्सा अब सड़कों पर फूटने को तैयार है। रामपुर खंड के काशापाट और तकलेच जोन में पेंशनरों ने बैठकों का आयोजन कर सरकार की कार्यप्रणाली पर कड़ा प्रहार किया। खंड महासचिव अमोलक राम और प्रेस सचिव बुद्धि सिंह चौहान की विशेष उपस्थिति में हुई बैठकों में पेंशनर्स ने सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया।
काशापाट जोन की बैठक जोगनी में प्रधान बसंत राम की अध्यक्षता में हुई, जबकि तकलेच जोन की बैठक प्रधान मदन बुशैहरी की अध्यक्षता में मतैलनी में संपन्न हुई। बैठकों में पेंशन न मिलने, महंगाई भत्ते, एरियर, नए वेतनमान के तहत ग्रेच्युटी और अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर पेंशनर्स ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाए।
चार जिलों के पेंशनर्स सबसे ज्यादा प्रभावित
बैठक में बताया गया कि हिमाचल के चार जिले—कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर और मंडी—के पेंशनर्स पिछले लंबे समय से अपनी पेंशन का इंतजार कर रहे हैं। यह स्थिति सरकार की वित्तीय व्यवस्था और प्रशासनिक नाकामी को उजागर करती है। पेंशनर्स ने कहा कि हिमाचल के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब सेवानिवृत्त कर्मियों को उनकी मेहनत की कमाई से भी वंचित किया जा रहा है।
सड़क पर उतरने की चेतावनी
पेंशनर्स ने ऐलान किया कि यदि जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे उग्र आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे। सरकार को स्पष्ट चेतावनी देते हुए पेंशनर्स ने कहा कि अब वे चुप बैठने वाले नहीं हैं। बैठक में सरकार के खिलाफ आगामी रणनीति पर भी चर्चा की गई।
बुद्धि सिंह चौहान, प्रेस सचिव खंड रामपुर, ने कहा: “सरकार की वित्तीय स्थिति और गलत नीतियों के कारण पेंशनर्स को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो सड़कों पर उतरकर न्याय लिया जाएगा।”
अब देखना यह है कि सरकार इस नाराजगी को कब तक नजरअंदाज करती है या फिर कोई ठोस कदम उठाती है।