रामपुर बुशहर। विशेषर नेगी—
: किसान बागवानों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए एसजेवीएन
के नाथपा झाकडी पावर स्टेशन द्वारा झाकड़ी में एक प्रशिक्षण एवम संवाद
शिविर का आयोजन किया गया। जिस में किन्नौर और शिमला जिले के 16 पंचायतों
के किसान को डॉ वाईएस परमार बागवानी एवम वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के
वैज्ञानिकों ने विभिन्न जानकारियां दी । विशेषज्ञों ने कृषि एवं बागवानी
की नवीनतम पद्दति के साथ साथ जैविक खेती का भी ज्ञान दिया। वैज्ञानिकों
ने फलो एवं सब्जियों की उत्तम व गुणवत्ता पूर्ण पैदावार की कैसे किया
सकता है टिप्स दिए। वैज्ञानियों ने बताया कैसे पैदावार को बढ़ाया जा
सके और कैसे रोगों का निदान किया जाना चाहिए।
- बागवानी विश्वविद्यालय नौणी के संयुक्त निदेशक प्रशिक्षण डॉक्टर
चमन ठाकुर ने बताया एसजेवीएन के नाथपा -झाकड़ी परियोजना द्वारा एक किसान
मेले का आयोजन किया गया. जिसमें नौनी विश्वविद्यालय से 6-7 वैज्ञानिकों
का एक दल विभिन्न पौध रोगों एवं बीमारियों तथा बीमारियों से निदान की
जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण शिविर का लगाया गया। ताकि लोग सजग
हो कर समृद्ध एवं सशक्त हो सके। इस शिविर में करीब ढाई सौ लोगों ने
हिस्सा लिया।
-पीएस नेगी मुख्य महाप्रबंधक मानव संसाधन नाथपा झाकरी पवार स्टेशन
ने बताया कि आज जो शिविर का आयोजन किया गया है। वह विशेष तौर से किसानों
को जागरूक करने के लिए है ताकि नई तकनीकी कैसे हैं भूमि की उर्वरता
कैसे बढ़ाई जा सकती है. खाद एवं कीटनाशक कैसे प्रयोग करे विस्तार से
जानकारी दी।
वरिष्ठ प्रबंधक एवं आयोजक राजीव राणा ने बताया इस शिविर में
शिमला व् किन्नौर जिला के 16 पंचायतों के लोग इस शिविर में हिस्सा
लिया। जिसमें किसानों को जैविक खेती व विभिन्न फल एवं सब्जियों में लगने
वाले रोगों के बारे में भी जानकारी दी। नाथपा झाकड़ी परियोजना प्रमुख आरसी नेगी ने बताया एसजेवीएन
फाउंडेशन ने अपने सामाजिक दायित्व को निभाते हुए परियोजना प्रभावित
पंचायतों के लिए के किसान बागवानों के लिए संवाद शिविर का आयोजन किया।
जो वैज्ञानिकों के साथ अपने खेती और बागवानी के बारे में अनुभव सांझा
करेंगे। इस दौरान किसान समस्याओं को भी उनके समक्ष रखेंगे। ताकि उनकी
समस्याओं का भी निदान किया जा सके।
-निचार से आई शालिनी नेगी ने बताया इस शिविर में सब्जियों व
विभिन्न फलों फसलों के बारे में विस्तार से बताया गया। कैसे रोगों से बचा
जा सके ,कौन-कौन से रोग फसलों और फ्लो में लगते है। जैविक खेती कैसे की
जा सकती है।-किसान अमोलक राम ने बताया प्राकृतिक एवं जैविक खेती के बारे में
वैज्ञानिकों ने विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बीमारियों से बचने के
लिए कैसे छिड़काव का प्रयोग किया जाना चाहिए बताया। उन्होंने बताया
यहां पर उनके पास सारे प्राकृतिक संसाधन है। उनका कैसे उपयोग करना है इस
बारे में भी विज्ञानियों ने गहराई से जानकारियां उपलब्ध कराई