शिमला, न्यूज व्यूज पोस्ट : शहर की शांत वादियों में उस समय हलचल मच गई, जब संजौली स्थित जोनांग टेकन फुत्सोक चोलिंग बौद्ध मठ से दो नाबालिग भिक्षु अचानक लापता हो गए। आध्यात्मिक साधना में लीन ये दोनों बालक जब बिना बताए मठ से बाहर निकले, तो किसी को अंदाज़ा भी नहीं था कि वे रास्ता भटक जाएंगे। लेकिन राहत की बात यह रही कि शिमला पुलिस ने 10 घंटे के भीतर उन्हें ढूंढ निकाला।
ढली चौक से दोनों बच्चों को सकुशल बरामद किया गया। न तो उनके पास मोबाइल था और न ही कोई संपर्क साधन—सिर्फ एक मासूम-सी जिज्ञासा थी, जो उन्हें बाहर ले गई। मठ प्रबंधन की शिकायत पर जब पुलिस सक्रिय हुई, तो त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को खोज निकाला।
12 वर्षीय भिक्षु अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर से है और 13 वर्षीय बालक पश्चिम बंगाल से। दोनों जोनांग परंपरा के प्रशिक्षण हेतु मठ में रह रहे थे। यह मठ भारत में जोनांग परंपरा का इकलौता केंद्र है, जिसकी स्थापना 1963 में अमदो लामा जिनपा ने की थी। शांत पहाड़ी पर स्थित यह मठ तिब्बती संस्कृति और ध्यान-साधना का जीवंत उदाहरण है।
एसएसपी संजीव गांधी ने कहा कि पुलिस ने मुस्तैदी से काम करते हुए बच्चों को जल्द खोजा और मठ को सौंप दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि शिमला पुलिस बच्चों से जुड़े मामलों में हमेशा संवेदनशील और सतर्क रहती है।