सराहन, न्यूज व्यूज पोस्ट — सीटू से सम्बद्ध मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन, ब्लॉक यूनिट सराहन की बैठक आज विश्राम गृह ज्यूरी में आयोजित की गई। बैठक में यूनियन की अध्यक्षा मीना, महासचिव संगीता, तथा अन्य कार्यकर्ताओं—सीता देवी, सुमन, कमला देवी, रक्षा, कृष्णा मेहता, प्रोमिला, गीता देवी, ज्ञानू देवी, विजयलक्ष्मी सहित दर्जनों मिड-डे मील वर्कर्स ने भाग लिया।
बैठक में 20 मई को होने वाली प्रदेशव्यापी हड़ताल की रूपरेखा तैयार की गई। यह हड़ताल बढ़ती महंगाई, कम वेतन और सरकारी उपेक्षा के खिलाफ है। यूनियन ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बजट में मात्र ₹500 की मानदेय वृद्धि, इस कठिन समय में एक मज़ाक से कम नहीं।
यूनियन का आरोप है कि सरकार की युक्तिकरण नीति के तहत 1094 स्कूल बंद किए जा चुके हैं और 1500 और स्कूलों पर खतरा मंडरा रहा है, जिससे मिड-डे मील वर्कर्स का रोजगार छीना जा रहा है। इसके अतिरिक्त, हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद वर्कर्स को अभी भी 12 माह का वेतन नहीं दिया जा रहा।
बैठक में यह भी उठाया गया कि केंद्र सरकार ने 2009 से अब तक मिड-डे मील वर्कर्स के वेतन में कोई वृद्धि नहीं की है, जबकि 2013 में अंतरराष्ट्रीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के आधार पर वेतन बढ़ाने का लिखित आश्वासन दिया गया था।
मोदी सरकार द्वारा लागू की जा रही ‘केन्द्रीय किचन’ नीति, एनजीओ को भोजन की व्यवस्था का ठेका देना, और पोषाहार की राशि बच्चों की माताओं के खातों में डालने जैसी योजनाओं की यूनियन ने कड़ी आलोचना की। यूनियन ने झारखंड में हुए एक सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि केन्द्रीय किचन की बजाय पुरानी प्रणाली अधिक प्रभावी और लाभकारी थी।
सीटू नेता मिलाप नेगी ने कहा कि वर्ष 2013 के भारतीय श्रम सम्मेलन में मिड-डे मील वर्कर्स को स्थायी करने, न्यूनतम वेतन, ग्रेच्युटी व पेंशन योजना लागू करने का फैसला लिया गया था, लेकिन सरकार इन वादों से पीछे हट रही है।