शिमला, 01 जून । न्यूज व्यूज पोस्ट।
– हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश में बेसहारा गौवंश की देखभाल को लेकर एक अहम और सराहनीय कदम उठाया है। अब गौ सदनों में रह रहे पशुओं के लिए मासिक चारा अनुदान ₹700 से बढ़ाकर ₹1200 प्रति पशु कर दिया गया है। सरकार के इस निर्णय से न केवल बेसहारा गौवंश की बेहतर देखभाल संभव होगी, बल्कि किसानों की फसलें भी आवारा पशुओं से सुरक्षित रह सकेंगी।
एक सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अगुवाई में राज्य सरकार पशुधन और किसानों के हितों को सर्वोपरि मानकर निर्णय ले रही है। उन्होंने बताया कि बढ़ा हुआ अनुदान गौ सदनों की स्थिति सुधारने के साथ-साथ गांवों व खेतों में घूम रहे बेसहारा पशुओं की समस्या को कम करने में मददगार होगा।
गौ सदनों को मिलेगा आर्थिक बल
सरकार सिर्फ चारा अनुदान ही नहीं, बल्कि गौ सदनों की स्थापना और विस्तार के लिए भी आर्थिक सहायता दे रही है।
- नई गौशालाओं की स्थापना पर 10 लाख रुपये या लागत का 50% अनुदान
- गौ सदन विस्तार के लिए 5 लाख रुपये या लागत का 50% अनुदान
इसके अलावा, गौसेवा को और सशक्त करने के लिए सरकार ने शराब पर उपकर 2.50 रुपये प्रति बोतल तक बढ़ाया है। इससे मिलने वाला अतिरिक्त राजस्व सीधे बेसहारा गौवंश के कल्याण पर खर्च किया जाएगा।
किसानों को होगी राहत
खेतों में घूमते बेसहारा पशु अकसर किसानों की मेहनत की कमाई यानी खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे वे खेती से निराश होकर दूर हो रहे हैं। सरकार का मानना है कि गौशालाओं को मज़बूत बनाकर न सिर्फ पशुओं की देखभाल सुनिश्चित की जा सकती है, बल्कि किसानों को भी राहत दी जा सकती है।
सरकार का संदेश: पशुधन और किसान, दोनों की चिंता
प्रवक्ता ने कहा कि सरकार इस समस्या को गंभीरता से समझती है और चरणबद्ध तरीके से समाधान के लिए काम कर रही है। बढ़ा हुआ चारा अनुदान न सिर्फ गौवंश की सेवा को मजबूती देगा, बल्कि हिमाचल प्रदेश को बेसहारा पशु-मुक्त बनाने की दिशा में एक ठोस कदम भी साबित होगा।