शिमला, न्यूज व्यूज पोस्ट,
हिमाचल प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लिए बुरी खबर सामने आ रही है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निगम को धीरे-धीरे बंद करने की योजना पर काम कर रही है।
AAP प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह ठाकुर ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि अगर सरकार ने निगम और उससे जुड़ी योजनाओं को बंद किया तो पार्टी राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ेगी।
🔴 क्या है मामला?
AAP के मुताबिक, यह निगम अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए कई योजनाएं चला रहा है, जिनमें शिक्षा ऋण योजना, वजीफा योजना, हस्तशिल्प प्रोत्साहन और व्यावसायिक प्रशिक्षण शामिल हैं। लेकिन सरकार ने इस निगम के कई कार्यालयों को बंद करने और पदों को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
AAP के आरोपों की मुख्य बातें:
- ✅ 50 पदों की समाप्ति: भरमौर, देहरा, जुब्बल और सरकाघाट में सहायक प्रबंधक कार्यालय बंद किए जा रहे हैं। 12 जिलों में से 6 में जिला प्रबंधकों के पद हटा दिए गए हैं।
- ✅ योजनाएं हो रही बंद: शिक्षा ऋण, स्कॉलरशिप, प्रशिक्षण और स्वरोजगार योजनाएं बंद करने की तैयारी में सरकार।
- ✅ बजट डायवर्जन का खतरा: AAP ने सुझाव दिया कि सब-प्लान के लिए कानून बनना चाहिए था, ताकि एससी-एसटी के लिए तय बजट दूसरी योजनाओं में न जाए।
- ✅ बोर्ड गठन न करना: विकास निगम के गैर-सरकारी बोर्ड का गठन नहीं किया गया, जबकि सरकारी अधिकारियों की बैठक में 14 मई 2025 को बंदी से संबंधित फैसले लिए गए।
📉 10 लाख से अधिक दलित होंगे प्रभावित
AAP का दावा है कि जिन 6 जिलों में कार्यालय बंद हो रहे हैं, वहां एससी-एसटी वर्ग के लगभग 10 लाख लोग प्रभावित होंगे। हिमाचल प्रदेश में इन वर्गों की कुल आबादी करीब 22 लाख है, जो राज्य की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा है।
🗣️ “सीधा हमला संविधान पर” – सुरजीत सिंह ठाकुर
AAP अध्यक्ष ने कहा, “एक तरफ कांग्रेस संविधान बचाने की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ हिमाचल में वंचित वर्गों के अधिकारों पर हमला कर रही है। यह कांग्रेस के दोहरे मापदंडों का उदाहरण है।”
⚠️ AAP की चेतावनी: आंदोलन तय
आम आदमी पार्टी ने साफ कहा है कि यदि HP SC/ST विकास निगम को बंद किया गया या उसकी योजनाओं को रोका गया, तो पार्टी सड़कों पर उतरकर संघर्ष करेगी।
🔍 क्यों है ये मुद्दा अहम?
- हिमाचल में अनुसूचित जातियों और जनजातियों की बड़ी आबादी है।
- HP SC/ST निगम इन वर्गों के लिए एकमात्र समर्पित संस्थान है।
- इसके कमजोर होने से शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता के अवसरों में भारी गिरावट आ सकती है।