शिमला। न्यूज व्यूज पोस्ट।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य में 500 मिलीलीटर क्षमता तक की प्लास्टिक (पीईटी) पानी की बोतलों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। यह प्रतिबंध 1 जून 2025 से प्रदेश भर में लागू होगा।
राज्य सरकार ने यह निर्णय हिमाचल प्रदेश जीव अनाशित कूड़ा-कचरा (नियंत्रण) अधिनियम-1995 की धारा 3-ए (1) के तहत लिया है। प्लास्टिक से बनी पानी की छोटी बोतलों के अत्यधिक उपयोग के कारण पर्यावरण को हो रहे नुकसान को रोकने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है।
कहां-कहां लागू होगा प्रतिबंध
- प्रदेश सरकार के सभी विभागों, बोर्डों, निगमों और संस्थाओं द्वारा आयोजित बैठकों, सम्मेलनों व कार्यक्रमों में।
- हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के होटलों सहित सभी निजी होटलों में।
अब इन स्थानों पर कांच की बोतलें, स्टील कंटेनर और वॉटर डिस्पेंसर जैसे पर्यावरण के अनुकूल विकल्प अपनाए जाएंगे।
कचरा प्रबंधन के लिए भी सख्त नियम
पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक डीसी राणा ने बताया कि सरकार ने सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में भी सुधार के लिए बड़े कदम उठाए हैं:
- अब सभी सरकारी (एचआरटीसी), निजी और सार्वजनिक वाहनों में ‘कार बिन्स’ (कूड़ेदान) लगाना अनिवार्य होगा।
- क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (RTO) और मोटर वाहन निरीक्षक (MVI) केवल उन्हीं वाहनों को पासिंग और पंजीकरण देंगे जिनमें कार बिन्स लगाए गए होंगे।
- कार बिन्स न लगाने पर 10,000 रुपये जुर्माना और वाहन से कचरा सड़क पर फेंकने पर 1,500 रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
यह प्रावधान 29 अप्रैल 2025 से पूरे राज्य में प्रभावी होगा।
जुर्माना और सख्ती
- प्रतिबंधित वस्तुओं का उपयोग या फेंकने पर 5,000 रुपये तक जुर्माना लगेगा।
- एक बार उपयोग होने वाली प्लास्टिक वस्तुओं और कम्पोस्टेबल थालियों को भी सड़कों, जंगलों, मंदिर परिसरों, दुकानों, ढाबों और दफ्तरों में फेंकने पर कड़ी कार्रवाई होगी।
जागरूकता अभियान भी चलेगा
सरकार ने सभी सरकारी संस्थाओं को प्लास्टिक की छोटी बोतलों के उपयोग के दुष्परिणामों के प्रति लोगों को जागरूक करने का निर्देश भी दिया है।
डीसी राणा ने कहा कि यह निर्णय राज्य में प्रदूषण कम करने और हिमाचल को स्वच्छ व हरित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।