रामपुर बुशहर / विशेषर नेगी —
हिमाचल प्रदेश की सड़कों को इस वर्ष अंत तक गोवंश मुक्त बनाने
के लिए गौ सेवा आयोग ने प्रयास किए तेज। अब तक प्रदेश में 221 गौशालाओं
में 20 हजार से अधिक पशुओं को दिया जा चुका है आश्रय। प्रदेश में 5 गौ
अभ्यरणो का किया चूका है निर्माण इस के अलावा तीन और दो माह के भीतर बन
कर होगी तैयार। हिमाचल प्रदेश गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने
रामपुर में गौशालाओ के निरीक्षण के दौरान दी यह जानकारी। हिमाचल प्रदेश गौ सेवा आयोग प्रयास कर रहा है कि इस वर्ष के
अंत तक प्रदेश की सड़कों से लावारिस छोड़े गए सभी पशुओं को उठाकर आश्रय
स्थलों में पहुंचाएगी। ताकि सड़कें गोवंश मुक्त किया जा सके। इस बात की
जानकारी हिमाचल प्रदेश गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने रामपुर
क्षेत्र की गौशालाओं के निरीक्षण के दौरान दी. उन्होंने बताया कि जब
फरवरी 2019 में गौ सेवा आयोग का गठन हुआ उस समय हिमाचल प्रदेश में 102
गौशालाएं चल थी और उन में 6800 पशु रखे गए थे। अब गौशालाओं की संख्या
221 हो गई है और इन में रखे गए पशुओं की संख्या 20500 हो गई है। अशोक
शर्मा ने कहा प्रदेश में 5 काउ सेंचुरी बनकर तैयार हो चुकी है ,जबकि
अभी और 3 का 2 माह के भीतर बन कर तैयार होगी। उन्होंने बताया कि हिमाचल
प्रदेश के मुख्यमंत्री व पशुपालन मंत्री दोनों ही गउओं को ले कर गंभीर
है। उनके दिशा निर्देश अनुसार गौ सेवा आयोग लगातार प्रयास कर रहा है
कि बेसहारा छोड़े गए पशुओं को यथाशीघ्र आश्रय स्थलों पर पहुंचाया जाए। गौ
सेवा आयोग के अध्यक्ष अशोक शर्मा ने दत्तनगर में भीमा काली मंदिर ट्रस्ट
द्वारा बनाई जा रही गौशाला का भी अवलोकन किया और उन्होंने बताया कि इस
गौशाला का निर्माण 1 माह के भीतर होगा। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश में
गौशालाओं की संख्या बढ़कर 222 हो जाएगी। उन्होंने रामपुर खोपड़ी स्थित
गौशाला के समीप नगर परिषद द्वारा फैके जा रहे कचरे को भी बेहतर ढंग से
प्रबंध करने के निर्देश दिए। आयोग के उपाध्यक्ष ने एसडीएम रामपुर
सुरेंदर मोहन व् पशुपालन विभाग के अधिकारियों से भी बैठक कर गौ सरंक्षण
को ले कर चर्चा की। इस दौरान गौ सेवा आयोग में अधीक्षक जगदीश शर्मा व्
पशु पालन विभाग के डॉ अनिल चौहान , डॉ कुबेर और डॉ अनिल शर्मा मौजूद
थे।