शिमला, 30 जून , न्यूज व्यूज पोस्ट,
हिमाचल प्रदेश सरकार भांग (कैनाबिस) की खेती को नियंत्रित और औद्योगिक उपयोग के लिए वैध करने की दिशा में ठोस कदम बढ़ा रही है। इसी कड़ी में आज शिमला में राज्य के राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जनशिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
बैठक में भांग की खेती से जुड़े कानूनी, आर्थिक और सामाजिक पहलुओं पर विस्तार से मंथन किया गया। मुख्य उद्देश्य यह था कि प्रदेश में भांग की खेती को किस प्रकार से नियमन बद्ध किया जाए ताकि इसका औद्योगिक और औषधीय उपयोग हो सके और किसानों को भी वैकल्पिक आय का साधन मिल सके।
बैठक के दौरान तय किया गया कि अगली अहम बैठक आगामी दो सप्ताह में आयोजित की जाएगी, जिसमें उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी भाग लेंगे। इससे नीति निर्माण को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया को और गति मिलेगी।
बैठक में उपस्थित प्रमुख अधिकारी:
- देवेश कुमार, प्रधान सचिव (आबकारी एवं कराधान)
- शरद कुमार लगवाल, प्रधान सचिव (विधि)
- हरबंस ब्रसकोन, विशेष सचिव (आबकारी एवं कराधान)
- डॉ. राजीव डोगरा, अतिरिक्त आयुक्त (आबकारी एवं कराधान)
- तुलसी राम शर्मा, वरिष्ठ निजी सचिव
क्या है सरकार की मंशा?
राज्य सरकार का फोकस भांग के औद्योगिक उपयोग जैसे – वस्त्र, औषधि, बायो-प्लास्टिक और कंस्ट्रक्शन मटेरियल में इसके संभावित उपयोग पर है। यह कदम प्रदेश के कृषि क्षेत्र में नवाचार लाने के साथ-साथ रोजगार सृजन और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा बदलाव ला सकता है।
यूनिक खबर की विश्लेषण
यदि यह योजना धरातल पर उतरती है तो हिमाचल देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल हो जाएगा, जहां भांग की खेती कानूनी रूप से नियंत्रित तरीके से की जा सकेगी। इससे नशीली खेती की जगह नियंत्रित खेती को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की आर्थिक तस्वीर भी बदल सकती है।