रामपुर बुशहर / विशेषर नेगी —
-सेब बागवानों को शिविरों के माध्यम से उत्पादन और गुणवत्ता बढ़ाने
के न्यूजीलैंड के विशेषज्ञ दे रहे ही टिप्स। उद्यान विभाग ने विश्व बैंक
पोषित 1134 करोड़ की परियोजना के तहत बागवानों की आय दोगुनी करने के लिए
किये है प्रयास तेज । विदेशी विशेषज्ञ कीट प्रबंधन से ले कर पौध एवं भू
संरक्षण एवं मिटटी परीक्षण के दे रहे है नवीनतम वैज्ञानिक तकनीक। ताकि
न्यूजीलैंड की तर्ज पर सेब पैदावार को पांच मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर
से बढ़ा कर किया जा सके 55 मीट्रिक टन।
— हिमचाल के बागवानों की आय दोगुनी करने के लिए बागवानी
विभाग ने प्रयास तेज कर दिए गए है। शिमला जिला के विभिन्न क्षेत्रों में
न्यूजीलैंड के बागवानी विशेषज्ञ शिविरों के माध्यम से नवीनतम एवं
गुणवत्तापूर्ण सेब उत्पादन के बागवानों को टिप्स दे रहे है। विश्व बैंक
द्वारा पोषित 1134 करोड़ की बागवानी विकास परियोजना के तहत उद्यान विभाग
द्वारा न्यूजीलैंड के विशेषज्ञों की सेवाएं ले रही है। ताकि सेब की
पैदावार को 5 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर से बढ़ा कर न्यूजीलैंड की तर्ज पर
55 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर किया जा सके। इसी क्रम में रामपुर के
दत्तनगर मशरूम सेंटर में बागवानों के लिए शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर में न्यूजीलैंड के विशेषज्ञों ने कीट प्रबंधन से ले कर मिटटी
परीक्षण , पौध प्रबंधन एवं जहरीली रसायनो के कम छिड़काव के साथ गुणवत्ता
पूर्ण अधिक उत्पादन कैसे सम्भव है विस्तार से जानकारी दी।
-न्यूजीलैंड के पौध एवं फल रोग नियंत्रण संस्था के विशेषज्ञ
रश्मिकांत ने बताया हम विश्व बैंक की परियोजना के तहत वो यहां आये है।
उन्होंने पौधों में रुट बोरर समस्या से कैसे निजात पाए बताया। बागवानों
को बताया गया की भूमि में कम से कम रसायनो का प्रयोग कर पौधों को बचाने
के साथ गुणवत्तापूर्ण फल तैयार कर सके।
-न्यूजीलैंड के बागवानी विशेषज्ञ मार्क नेल्सन ने बताया की भूमि
में पोषक तत्व को बनाये रखना जरूरी है। इस लिए मिटटी परीक्षण जरूरी है
उस के बाद उसी हिसाब से मिटटी में पोषक तत्वों का प्रयोग हो। पौधों की
ग्रोथ के लिए उसी हिसाब से प्रबंधन हो ताकि अगले वर्ष अच्छी पैदावार
मिले।
डॉ कुशाल ठाकुर ने बताया ने बताया विश्व बैंक द्वारा पोषित 1134
परियोजना के तहत दो विषयो पर ध्यान दिया जा रहा है। इस में दो
महत्वपूर्ण चीजे है एक नए बगीचे आधुनिक रूट स्टॉक पर तैयार करना है।
ताकि फल गुणवत्ता पूर्ण के साथ उत्पादन बढ़े। दुसरा बगीचे जो वर्तमान
में है उन में वैज्ञानिक विधि काम करना है। इस में बागवानों को कटिंग
प्रूनिंग व् पौध रोगो के उपचार बारे प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
-बधाल के बागवान जीता सिंह चौहान ने बताया आज हमे दत्तनगर में
विदेशी विशेषज्ञों द्वारा न्यूट्रेशन मैनेजमेंट और कीटनाशकों की जानकारी
दी। इस दौरान उन्होंने गुणवत्ता पूर्ण फल उत्पादन के साथ कैसे अधिक
पैदावार किया जा सकता है जानकारियां दी।
-बागवान सरस्वती ठाकुर ने बताया एचडीपी के तहत उन का क्लस्टर बना
है उन्हें उद्यान विभाग द्वारा आधुनिक किस्म के पौधे दिए गए है। आज के
शिविर में उन्हें विशेषज्ञों ने मिटी परीक्षण भूमि का पीएच मान का पता
लगाना , पत्तो का परीक्षण आदि प्रमुख जानकारी दी।