झाकड़ी। न्यूज व्यूज पोस्ट/ सतलुज जल विद्युत निगम कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी (संबंधित सीटू) का छठा इकाई सम्मेलन झाकड़ी में हुआ। इस सम्मेलन में 12 सदस्यों के अध्यक्ष मंडल का चुनाव किया गया, जिसने सम्मेलन की कार्यवाही का संचालन किया।सम्मेलन में यूनियन के 307 मजदूरों ने भाग लिया
सम्मेलन का उद्धघाटन करते हुए सीटू राज्य अध्यक्ष विजेन्द्र मेहरा ने उद्घाटन भाषण में कहा कि हिमाचल प्रदेश में जब-जब भी ट्रेड यूनियन आंदोलन की बात आएगी तो नाथपा झाकड़ी परियोजना का नाम स्वर्णिम अक्षरों मे लिखा जाएगा। परियोजना के निर्माण के समय यहां 7 महीने आंदोलन चला और जिस बीच में साथी देवदत्त की शहादत्त हुई थी। यह आंदोलन की धरती है।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए सीटू राज्य अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा और शिमला जिला अध्यक्ष कुलदीप ने कहा कि देश के अंदर मोदी सरकार द्वारा मजदूर विरोधी नीतियाँ लागू किया जा रहा है। सरकार द्वारा लगातार मजदूरों के अधिकारों को खत्म करने का काम किया जा रहा है। स्थायी रोजगार को खत्म कर फिक्स टर्म रोजगार दिया जा रहा है। मजदूरों के यूनियन बनाने के अधिकार के ऊपर हमला किया जा रहा है। भारत की मजदूर जमात ने अंग्रेजो के शासन काल मे भी मजदूर के पक्ष में कानून बनाने के लिए मजबूर कर दिया था, लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार का 44 श्रम कानूनों में बदलाव कर 4 श्रम संहिताएं ले आई हैं, यह मजदूरों के ऊपर सबसे तीखा हमला है। भाजपा सरकार श्रम कानूनों को सरल बनाने के नाम पर देश में सभी श्रेणियों के श्रमिकों पर हमला करने की कोशिश कर रही है। यह वास्तव में मज़दूर वर्ग पर आधुनिक गुलामी थोपने का खाका है
उन्होंने ने कहा कि हम पूंजीवादी व्यवस्था मे जी रहे है और यह व्यवस्थागत संकट में है। अपने आप को संकट से बचाने के लिए संकट का बोझ दुनिया के मेहनतकश वर्गों पर डाल रहा है। परंतु इस संकट के दौर मे मजदूर जमात का आंदोलन बड़ा है। आज दुनिया के हर कोने मे मजदूर अपने हक अधिकारों के लिए संघर्षरत है, जिसका ताजा उदारहण फ्रांस सरकार द्वारा सेवानिवृत्ति की उम्र को 62 से 64 वर्ष करने पर लगभग 40 लाख से ज्यादा मजदूरों का अपने-अपने शहरो और कस्बों में हड़ताल करना है। पूंजी के मालिक के पास लूट और घसूट का 300 वर्ष का अनुभव है। वह जनता को विभाजित करने के लिए, जनता की एकता को तोड़ने के लिए हर प्रकार के हथकंडे को अपनाता है।
उन्होंने ने कहा केन्द्र में भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी सरकार ने जो नवउदारवादी विकास का रास्ता चुना है वह दिवालियापन का रास्ता है। आज सीटू मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ पूरे देश निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है।
सम्मेलन में सर्वसम्मति से 45 सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया जिसमें सूरम लाल वास्टू को सलाहाकार, गुरदास को अध्यक्ष, कामराज को महासचिव, पवन को कोषाध्यक्ष, जतिन नेगी, राकेश ठाकुर, राज कुमार, दीपक, कमला व राजकुमार को उपाध्यक्ष, पवन बिष्ट, विद्या प्रवीण हर दयाल, कौल राम को सचिव, राजेन्द्र, अमीर नेगी, निशा, तिलक राज, दीपक, रेखा, चूड़ा राम, कुलदीप, कली, बलदेव शर्मा, पार्वती, पवन कुमार, सुरेश, ददन यादव, हेमराज, कृष्ण, जगदीश, शिशुपाल, देवेन्द्र कुमार, कुलदीप, जगदीश, विनोद, प्यारे लाल, दौलत राम, पपु ठाकुर, दिलमुखी, शिवलाल, बसंती, आशा को सदस्य चुना गया।
सम्मेलन मे सीटू ज़िला किन्नौर के अध्यक्ष मदन नेगी, श्याम सोनी,शिमला ज़िला कोषाध्यक्ष बालक राम, उपाध्यक्ष रणजीत, नीलदत्त, सचिव अमित मौजूद रहे। सम्मेलन में झाकड़ी के पूर्व जिलापरिषद दलीप कायथ ने मजदूरों के छठे सम्मेलन पर मजदूरों को शुभकामनाएं दी।
सम्मेलन के अंत में यूनियन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष गुरदास ने कहा कि अपनी आजीविका के अधिकारों और लंबे संघर्षों से हासिल अधिकारों को मजदूर वर्ग की वर्गीय एकता को बनाते हुए देश की सरकार द्वारा लागू की जा रही नवउदारवादी नीतियों को बदल कर अपनी पक्ष में नीतियों को बदलने के लिए तीखे संघर्ष करेंगे।