शिमला, न्यूज व्यूज पोस्ट — “संविधान सिर्फ एक किताब नहीं, देश की आत्मा है”—यही संदेश लेकर हिमाचल प्रदेश में आज युवाओं की टोली सड़कों पर उतरी। नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) हिमाचल प्रदेश द्वारा डॉ. भीम राव अंबेडकर जयंती के अवसर पर एक भव्य राज्य स्तरीय पदयात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें संविधान की भावना और बाबा साहेब के विचारों को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प लिया गया।
पदयात्रा की शुरुआत शिमला के आईटीआई परिसर से हुई, जिसे शिमला विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री हरीश जनारथा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके बाद पदयात्रा अंबेडकर चौक होते हुए चौड़ा मैदान तक पहुँची, जहाँ डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।
मुख्य अतिथि श्री जनारथा ने इस मौके पर युवाओं को संविधान की प्रस्तावना की शपथ दिलाई और कहा, “हर भारतीय नागरिक को न केवल अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए, बल्कि उसे अपने कर्तव्यों के प्रति भी सजग रहना चाहिए।”
राज्य निदेशक श्रीमती इरा प्रभात ने कहा, “बाबा साहेब अंबेडकर का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा है। हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलकर एक सशक्त, समान और जागरूक समाज का निर्माण करना है।”
इस पदयात्रा में आईटीआई शिमला के छात्रों, विभिन्न विद्यालयों के एनसीसी कैडेट्स, स्थानीय पार्षदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। कार्यक्रम में श्रीमती उर्मिला (पार्षद, अन्नाडेल), श्री प्रीत पाल मट्टू (अध्यक्ष, भीम सभा), श्री विजय कुमार (सहायक निदेशक, एनवाईकेएस), श्रीमती मनीषा शर्मा (जिला युवा अधिकारी), श्री ओम प्रकाश व श्रीमती निशा (आईटीआई प्रशिक्षक) सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
यह पदयात्रा न केवल अंबेडकर जयंती की शोभा बनी, बल्कि संविधान के प्रति नई पीढ़ी की चेतना और प्रतिबद्धता का प्रतीक भी बन गई।