नई दिल्ली | न्यूज व्यूज पोस्ट।
भारत और पाकिस्तान के बीच फिर से कूटनीतिक तनाव गहराता दिख रहा है। इस बार भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के एक अधिकारी को “पर्सोना नॉन ग्राटा” घोषित कर देश छोड़ने का फरमान सुना दिया है।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, संबंधित अधिकारी अपने अधिकृत दायित्वों से अलग किसी “संदिग्ध गतिविधि” में संलिप्त था। इसी आधार पर उसे अवांछित घोषित किया गया और तत्काल भारत छोड़ने का आदेश दिया गया।
क्या होता है पर्सोना नॉन ग्राटा?
‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ एक लैटिन शब्द है, जिसका अर्थ होता है – “अवांछित व्यक्ति”। यह किसी भी देश का अधिकार होता है कि वह किसी विदेशी अधिकारी को यदि देश की सुरक्षा या हितों के प्रतिकूल पाता है, तो उसे बिना किसी स्पष्टीकरण के बाहर का रास्ता दिखा सकता है।
कूटनीतिक विरोध दर्ज
पाकिस्तानी उच्चायोग को इस संबंध में आधिकारिक रूप से डेमार्शे (Demarche) जारी किया गया है – यह एक औपचारिक विरोध होता है, जो सरकारें आपसी राजनयिक संवाद में दर्ज करती हैं।
बढ़ता तनाव, गहराता अविश्वास
भारत का यह कदम ऐसे समय पर आया है जब दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक रिश्तों में ठंडापन बना हुआ है। यह घटना न केवल रिश्तों में और दरार डाल सकती है, बल्कि आने वाले समय में और सख्त रुख की संभावना को भी जन्म देती है।