रूपी। विशेषर नेगी
-100 मेगावाट की शोरंग परियोजना के खिलाफ लोगों ने किया आंदोलन
शुरू। समझौते के अनुसार मांगे पूर्ण न करने का लगाया आरोप । पावर पॉलिसी
2008 के अनुसार 1% रॉयल्टी ना देने का भी लगाया आरोप । मांगे ना माने
जाने पर उग्र आंदोलन की दी है चेतावनी। किन्नौर प्रवेश द्वार पर स्थित इस
परियोजना क्षेत्र के 3 पंचायतों के लोग है पावर हाउस के सामने धरने पर
बैठे।
–किन्नौर जिला के प्रवेश द्वार चौरा के साथ निजी क्षेत्र की
बनी सौ मेगावाट की शोरंग जल विद्युत परियोजना के खिलाफ तीन पंचायतो के
लोगो ने आंदोलन शुरू किया है। चौरा , रूपी और बड़ा कम्बा पंचायत के लोग
शोरंग जल विद्युत परियोजना के पवार हॉउस के बाहर बीते कल से धरने पर
बैठे है। लोगो का आरोप है कि कंपनी द्वारा लोगों से किए गए समझौतों को
वादे के अनुसार समय पर पूरा नहीं किया जा रहा है। मांगो में मुख्य रूप
से जिनकी भूमि परियोजना निर्माण में गई है उन्हें रोजगार वह पेंशन। इसके
अलावा प्रमुख मुद्दा क पावर पॉलिसी 2008 के हिसाब से कुल विद्युत
उत्पादन का एक फीसदी प्रभावित क्षेत्र के लोगों को देने से कंपनी आनाकानी
कर रही है,जबकि इस दौरान बनी अन्य परियोजनाएं पॉलिसी के हिसाब से पैसा
संबंधित क्षेत्र के लोगो को दे रही है। लोगो का कहना है की यह परियोजना
शुरू से ही विवादों में रही है। बहुचर्चित सत्यम घोटाला सामने आने के बाद
क्यों की इस परियोजना का भी संबंध सत्यम से था कई मालिकों के हाथ बिकती
रही और लोगों के हको को दबाया जाता रहा है। अब लोग आंदोलन की राह पर
निकले है। हक़ की लड़ाई के लिए पीछे हटने वाले नहीं।
रामेश्वर नेगी पंचायत प्रधान रूपी ने बताया कि 29 नवंबर 2021
को प्रशासन के समक्ष कंपनी ने समझौता किया था जिसमें जिनकी भूमि
परियोजना में गई है उन्हें रोजगार देना था और उन्होंने यह भी कहा था कि 1
अप्रैल 2022 तक उन्हें नौकरी में रखा जाएगा । दूसरा कंपनी पावर ने
पॉलिसी के अनुसार कुल बिजली उत्पादन का 1% लोगो में वितरित नहीं किया
है। अब वे इन मांगों को लेकर अनिश्चित काल के लिए धरने पर बैठे है। प्रधान ग्राम पंचायत बड़ा कम्बा मोनिका नेगी ने बताया कि आज जो
जन आक्रोश है वो लोगो का शोरंग प्रोजेक्ट के खिलाफ है। विरोध में रूपी व
चौरा व् कम्बा के लोग शामिल है। उन्होंने कहा अगर कंपनी हमारी मांगों
को नहीं मानती है तो प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा।
कमल किशोर ने बताया कि वह बड़ा कम्बा के रहने वाले है उनकी
जमीन परियोजना निर्माण में गई है। कंपनी के साथ जो समझौता हुआ था , दो
वर्षों से पूर्ण नहीं कर रहे है। उन्हें कहा था कि बिजली उत्पादन के बाद
नौकरी में लगाएंगे और जिन्हे नौकरी नहीं देंगे उनको पेंशन देंगे।
शोरंग परियोजना प्रमुख अनूप बनयाल ने बताया स्थानीय पंचायतों
के लोग उनके पवार हाउस स्थल आए है। वे कुछ मांगे लेकर आए थे. उन में
तीन मांगे थी। रोजगार व पेंशन जो आर एन्ड आर पॉलिसी से जुड़े है।
उन्होंने बताया इन मांगो को जल्द पूरा किया जाएगा। बाकी रायल्टी वाला
मुद्दा अनुचित है। रोजगार और पेंशन सरकार के साथ एग्रीमेंट हुआ है उसमें
नहीं था फिर भी उन्हें जनहित में पूर्ण करने का प्रयास किया है