शिमला, 8 अप्रैल, न्यूज व्यूज पोस्ट।
राजधानी शिमला में नकली सोना गिरवी रखकर बैंक से लोन लेने की एक और बड़ी घटना सामने आई है। इस बार मामला एक्सिस बैंक की मॉल रोड शाखा से जुड़ा है, जहां धोखेबाजों ने तकरीबन 20 लाख रुपये की ठगी को अंजाम दिया। सबसे हैरानी की बात यह है कि इस फर्जीवाड़े में बैंक के अधिकृत ज्वेलरी वैल्यूअर की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है।
पुलिस के अनुसार आरोपियों बसंत लाल और इंदर जस्ता ने बैंक से गोल्ड लोन लेने के लिए नकली गहने गिरवी रखे थे। इन गहनों को देखने पर असली का भ्रम जरूर पैदा हुआ, मगर असलियत यह थी कि वे किसी अन्य धातु से बने थे और ऊपर से सोने की परत चढ़ाई गई थी।
जांच में चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ कि गहनों की जांच और मूल्यांकन की जिम्मेदारी निभा रहे ज्वेलरी वैल्यूअर ने बिना उचित परीक्षण किए इन्हें असली करार देते हुए प्रमाण पत्र जारी कर दिए। इसी रिपोर्ट के आधार पर बैंक ने लोन की रकम जारी कर दी।
पुलिस जांच जारी, गिरोह की आशंका
फिलहाल शिमला सदर थाना पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि क्या इस घटना के पीछे किसी संगठित गिरोह का हाथ है, जो अन्य बैंकों को भी इसी तरह निशाना बना रहा है।
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटनाएं
यह घटना शिमला में पहली बार नहीं हुई है। इसी साल जनवरी में शहर के दो अन्य बैंकों में नकली सोना गिरवी रखकर करीब 59 लाख रुपये की ठगी के मामले सामने आ चुके हैं।
बड़ा सवाल — कब सख्त होगी बैंकिंग प्रक्रिया?
लगातार सामने आ रहे ऐसे मामले यह सवाल खड़ा कर रहे हैं कि बैंकिंग सिस्टम में गोल्ड लोन की प्रक्रिया कितनी सुरक्षित है? क्या बैंक प्रबंधन अपनी सुरक्षा व्यवस्था और मूल्यांकन प्रक्रिया को आधुनिक तकनीक से लैस करेगा या ऐसे ही धोखेबाज बैंकिंग सिस्टम की कमजोरी का फायदा उठाते रहेंगे?