शिमला । न्यूज व्यूज पोस्ट/
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के पुराने आई एस बी टी एवम वर्तमान लोकल बस अड्डे पर क्या लुटेरों का धंधा खूब फल फूल रहा है। शिकायते मिलने पर भी पुलिस इन लुटेरों से क्यों हमदर्दी रख रही है। रात होते ही सरे आम लुटेरे लूटपाट कर रहे है। इस लूट में सरकारी विभागों में लगी टैक्सियां भी किस की शह पर हो रही है शामिल। पूर्व में हुई हत्याओं और लूटपाट के मामले को देखे तो क्या शिमला के बस अड्डे अब आम व्यक्ति के लिए है कितने सुरक्षित। यह सब जांच का विषय है। अब 27 दिसंबर की शाम रामपुर के खनेरी में रह रहे दो युवकों के साथ हुई वारदात से अवगत कराते है। खनेरी के बबलू और उस के साथी ने बताया 27 दिसंबर को वे अपनी आखों के इलाज के लिए एमएमयू कुमारहटी गए वहां से शाम वापिस रामपुर आ रहे थे तो शिमला लोकल बस अड्डे जो पूर्व में आईएसबीटी रहा है, करीब नौ बजे के आसपास चाय वाले के पास खड़े हो कर चाय पीने लगे। इस दौरान एक बोलेरो गाड़ी रुकी, उस में पांच युवक बैठे थे। जिस का वहां तैनात पुलिस से पता चला की यह टैक्सी किसी सरकारी विभाग के अफसर के साथ लगी है। इसी दौरान बबलू और साथी ने आगे चलना शुरू किया क्यों की रामपुर की बस का समय हो रहा था आगे जा कर बस पकड़नी थी।जैसे ही रेलवे ट्रेक की ओर आगे पहुंचे तो पीछे से उन युवाओं ने दोनो को पकड़ा और तलाशी शुरू की। इस दौरान बबलू के साथी को एक किनारे धक्का मार कर पीछे हटने के लिए कहां और बबलू को अंधेरे में रेलवे ट्रेक की ओर नीचे घसीटने लगे। लेकिन बबलू ने रेलिंग का सहारा लिया, इसी बीच लुटेरे बबलू की जेब से सात हजार रुपए निकाल कर रफूचक्कर हो गए। वे सहायता के लिए पुलिस घुमटी गए, लेकिन पुलिस कही बाहर थी। जब पुलिस घुमटी आई तो घटना की जानकारी दी। इस बीच गैंग का टेक्सी चालक युवक वहां पहुंचा और दो हजार रुपए वापिस कर चले गया और कहा उस का इस घटना में कोई हाथ नहीं लुटेरे भाग गए है, जब वहां तैनात पुलिस को वापिस जाती गाड़ी दिखाई तो उन्होंने बताया की यह टैक्सी सरकारी विभाग में लगी है उस के चालक समेत गाड़ी में बैठे कुछ युवाओं के नाम भी उन्होंने बताए। घटना के बाद बबलू को बस अड्डे में चाय व अन्य समान विक्रेता रेहड़ी वालों ने बताया की तुम खुश नसीब हो अंधेरे में छुरा नही घोंपा, यह मंडली इसी तरह का काम करती है, लेकिन हम यहां रोजी कमा रहे है उन के खिलाफ बोला तो हमारा भी यहां धंधा करना मुश्किल होगा , इस लिए हम कुछ कह या कर नही सकते। बबलू ने बताया उस के बाद गश्त वाली पुलिस टीम के साथ वे सदर थाने गए और रिपोर्ट लिखाई, उन के मामले को देख रहे पुलिस राज कुमार ने बताया लुटेरों के खिलाफ करवाही की जाएगी और जहां घटना हुई वहां सीसीटीवी लगे है, फुटेज निकाल कर आप को भी भेजा जाएगा। घर आने के बाद फोन पर राज कुमार से संतोष जनक जवाब न मिलने के कारण 29 दिसंबर को वे फिर से साथियों सहित शिमला सदर थाने गए , वे चाहते थे की लुटेरों को पकड़ा जाए ताकि किसी अन्य यात्री अथवा महिला से ऐसी घटना न हो , थाने में पहुंचने के बाद थाने से राज कुमार घटना स्थल पर साथ आए। वहां चाय विक्रेता और अन्य रेहड़ी वालों से व्यान भी लिए जिन्होंने व्यांन में घटना की पुष्टि की । राज कुमार को उस घटना में कौन लोग थे यह भी पता चल गया। इस के बाद शिकायतकर्ताओं को पुलिस ने वापिस जाने के लिए कहा तथा आगे हुई कारवाही फोन से जानने के लिए कहा। बबलू ने बताया अब पुलिस उस मामले पर लीपापोती कर रही। कभी बताया जा रहा है सीसीटीवी फुटेज में बोलेरो ठीक से दिखाई नहीं दे रही कभी कुछ बहना। अब यह बताया गया की तुम स्वयं उन युवकों का खोज करो और फिर पुलिस को बताओ। ऐसे में पुलिस कर्मचारियों की लुटेरों के प्रति उदासीनता ऐसी घटनाओं को बढ़ावा देगी। उन्होंने लुटेरों को तुरंत पकड़ कर घटना में प्रयुक्त उस सरकारी विभाग में लगी टैक्सी को भी कब्जे में लेने की मांग की है। उधर थाना प्रभारी सदर थाना धर्म सिंह नेगी ने बताया उन्हे इस घटना बारे जानकारी नहीं दी गई थी, वे इस मामले को गंभीरता से लेंगे।