शिमला। न्यूज व्यूज पोस्ट।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने बजट सत्र के अंतिम दिन बड़ा फैसला लेते हुए विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी तो की, लेकिन तीन बड़े भत्ते खत्म कर उन्हें तगड़ा झटका भी दे दिया। अब विधायकों को टेलिफोन, बिजली और पानी के बिल का खर्च खुद उठाना पड़ेगा। इससे वेतन में वृद्धि के बावजूद उनकी कुल आय पर असर पड़ेगा।
क्या बदला?
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सदन में घोषणा की कि भविष्य में विधायकों का वेतन प्राइस इंडेक्स के अनुसार बढ़ाया जाएगा, लेकिन अब उन्हें केवल विधानसभा क्षेत्र और कार्यालय भत्ता ही मिलेगा। इसके साथ ही पूर्व विधायकों का टेलिफोन भत्ता भी खत्म कर दिया गया है।
नया वेतन ढांचा:
🔹 विधायक: ₹2.10 लाख → ₹3.15 लाख
🔹 कैबिनेट मंत्री: ₹2.55 लाख → ₹3.30 लाख
🔹 विधानसभा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष: ₹2.55 लाख → ₹3.30 लाख
🔹 मुख्यमंत्री: ₹2.65 लाख → ₹3.40 लाख
वेतन बढ़ने के बावजूद जेब पर भार!
हालांकि, विधायकों के वेतन में 25,000 से 30,000 रुपये तक की वृद्धि हुई है, लेकिन बिजली, पानी और टेलिफोन भत्ते खत्म होने से उनकी कुल मासिक अदायगी में बढ़ोतरी होगी। इस फैसले को सरकार ने आर्थिक संकट के बीच खर्चों में कटौती की दिशा में अहम कदम बताया है।
अब देखना होगा कि विधायकों पर इस फैसले का क्या असर पड़ता है और वे इस बदलाव को किस रूप में लेते हैं!