रामपुर बुशहर / विशेषर नेगी —-राइट फाउंडेशन ने पत्रकार वार्ता कर रामपुर क्षेत्र की शिक्षा
व्यवस्था पर उठाए सवाल। उन्होंने किया ऐलान,ननखड़ी क्षेत्र की धनुजा
स्कूलों की हालत ना सुधरी तो 1 हफ्ते के भीतर शिमला जाकर करेंगे आमरण
अनशन। उन्होंने लगाया आरोप शिक्षा का अधिकार अधिनियम की उड़ाई जा रही है
धज्जियां। उन्होंने कहा भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष भी संबंधित बूथ को
भाजपा के पक्ष में अच्छा मतदान करने में कर चुके है सम्मानित। रामपुर के
कांग्रेसी विधायक पर भी लगाया आरोप 15 वर्षो से भोग रहे है सत्ता का
सुख।
विभिन्न सामाजिक मुद्दों और खास कर शिक्षा और स्वास्थ्य के
क्षेत्र में सुधार लेन के लिए कार्य कर रही संस्था राइट फाउंडेशन ने
शिमला जिला के रामपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत ननखरी के स्कूलों का हवाला
देते हुए बताया कि क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। राइट टू
एजुकेशन एक्ट की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। उन्होंने एलान किया की
ननखड़ी के खोलीघाट पंचायत के धनुजा प्राथमिक पाठशाला की हालत को एक हफ्ते
के भीतर नहीं सुधारी गई तो राइट फाउंडशन के पद्दाधिकारी संयुक्त
निदेशक प्राथमिक शिक्षा शिमला स्थित कार्यालय जा कर आमरण अनशन पर बैठ
जायेंगे। उन्होंने पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया की खासकर उन शिक्षण
संस्थानों में जहां पर आरक्षित वर्ग बहुल इलाके हैं वहां शिक्षा
व्यवस्था पटरी से उत्तरी है। ऐसे में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की
सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। उन्होंने प्राथमिक पाठशाला धनुजा और
सीनियर सीनियर सेकेंडरी स्कूल बढाच का हवाला देते हुए बताया कि यहां पर
छात्रों को बैठने की उचित व्यवस्था तक नहीं। उन्होंने रामपुर में पत्रकार
वार्ता के दौरान बताया कि धनुजा प्राथमिक पाठशाला की करीब दो वर्ष पूर्व
छत उड़ चुकी है अब उस असुरक्षित भवन में एक कमरे के भीतर सभी कक्षाओं के
बच्चो को भेड़ बकरियों की तरह ठूस कर रखा जा रहा है। उन्होंने बताया इस
इस प्राथमिक पाठशाला को प्री नरसरी कक्षाएं चलाने की भी इजाजत दी गई है।
उन नौनिहालों को भी इस असुरक्षित भवन में भेजना अभिभावकों की विवशता बनी
है। उन्होंने बताया की सब से दुर्भाग्य एवं हैरानी तो तब होती है जब इस
स्कूल क्षेत्र के पोलिंग बूथ को भाजपा के पक्ष में उत्तम मतदान के लिए
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पुरस्कृत किया था। उन्होंने
बताया कि धनुजा स्कूल की जर्जर हालत के बारे में शिक्षा विभाग समेत अन्य
तमाम सरकारी व्यवस्थाओं को इसकी जानकारी दी गई। झज्जर स्कूल भवन को
ध्वस्त करने के लिए कमेटी भी बनाई गई और लचर व्यवस्था के कारण अभी तक
ध्वस्त नहीं किया गया। जिस से इस बिना छत वाले इस असुरक्षित भवन को
शिक्षा का मंदिर बनाना ग्रामीण गरीबो की मज़बूरी हो गया है। उन्होंने
इसी तरह बढाच सीनियर सेकेंडरी स्कूल का हवाला देते हुए बताया कि इस स्कूल का निर्माण हुए 2 वर्ष भी नहीं हुए। लेकिन भवन की छत से जगह-जगह
पानी टपक रहा है. हालत यह है कि स्कूल में रखे गए लाखों रुपए के कंप्यूटर
बारिश के कारण मौसम साफ होते ही खुले धूप में सुखाने पर मजबूर होना
पड़ता है। उन्होंने बताया कि मापदंडों के अनुसार स्कूल भवन का निर्माण
कैसे नहीं किया गया ? क्यों संबंधित विभाग ने लापरवाही और लचरता बरती ?
इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने
बताया कि धनुजा स्कूल क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी भाजपा विचारधारा के
है। बावजूद इसके कोई भी सकारात्मक प्रयास नहीं हो रहे हैं। उन्होंने
रामपुर के विधायक नंद लाल पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि 15 वर्षों से
वे सत्ता का सुख भोग रहे है। लेकिन जमीनी स्तर पर क्या दशा है उससे
उन्हें कोई लेना देना नहीं। उन्होंने कहा कि अगर क्षेत्र का विधायक जन
समस्याओं को प्रभावी ढंग से उठाता तो आज यह स्थिति ना होती। आज हालात ऐसे
हैं कि ग्रामीण क्षेत्र के गरीब बच्चों को जिन्हें जवाबदेही शिक्षा नहीं
मिल रही है उन्हें आर्थिक सामाजिक तौर से शोषित होना मज़बूरी बन गया है।
अध्यक्ष राइट फाउंडेशन जयदीप बिष्ट ने बताया ननखड़ी के धनुजा स्कूल
की छत उड़ गई ही। सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। इसी तरह बढाच स्कूल
की छत से भी पानी टपक रहा है। अध्यक्ष ने ऐलान करते हुए कहा कि,ननखड़ी
क्षेत्र के धनुजा स्कूलों की हालत 1 हफ्ते के भीतर नहीं सुधरी तो शिमला
जाकर संयुक्त निदेशक शिक्षा विभाग के कार्यालय के समक्ष आमरण अनशन किया
जाएगा।