रामपुर बुशहर। विशेषर नेगी।
रामपुर उपमंडल के निरथ के समीप एसजेवीएन द्वारा निर्माणाधीन 210 मेगावाट लुहरी जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य चौथे दिन भी पूरी तरह ठप पड़ा है। किसान सभा के नेतृत्व में परियोजना से प्रभावित 16 पंचायतों के लोग लगातार बांध स्थल पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और क्रमिक अनशन पर बैठे हैं।
प्रभावितों का आरोप है कि परियोजना निर्माण के दौरान उत्पन्न हुए प्रदूषण से उनकी फसलों को नुकसान हुआ है और धमाकों के कारण कई मकानों में दरारें आ गई हैं। बावजूद इसके, उन्हें आज तक मुआवजा नहीं मिला है। इसके अलावा 128 ऐसे प्रभावित परिवार हैं जिनकी जमीनें परियोजना में चली गई हैं, लेकिन उन्हें अभी तक नौकरी या एकमुश्त मुआवजा नहीं दिया गया।
प्रभावितों की प्रमुख मांगें:
- फसलों और मकानों को हुए नुकसान का मुआवजा तुरंत दिया जाए
- जिनकी जमीनें गई हैं, उन्हें रोजगार या एकमुश्त मुआवजा मिले
- पूर्व में हुए समझौते को सरकार और एसजेवीएन ईमानदारी से लागू करें
किसान सभा महासचिव देवकी नंदन ने जानकारी देते हुए कहा, “हम 16 अप्रैल से बांध स्थल पर क्रमिक अनशन कर रहे हैं। एसजेवीएन और सरकार ने पहले जो वादे किए थे, उन्हें अब तक पूरा नहीं किया गया है। हमारी मांगें जब तक नहीं मानी जातीं, निर्माण कार्य शुरू नहीं होने देंगे।”
कृष्णा राणा, 16 पंचायतों की संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने कहा, “हमने परियोजना निर्माण को 16 अप्रैल से पूरी तरह बंद कर दिया है। जब तक हमारी मांगों का समाधान नहीं होता, हम आंदोलन जारी रखेंगे।”
फिलहाल परियोजना का कार्य पूर्ण रूप से ठप है और आंदोलनकारियों ने इसे निर्णायक लड़ाई का रूप देने की चेतावनी दी है। स्थिति पर स्थानीय प्रशासन की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है।