रामपुर बुशहर । विशेषर नेगी
अंतर्राष्ट्रीय लवी मेला में आए रेग्ज का सामान एवं गर्म कपड़े बेचने वाले व्यापारियों को इस बार लगी निराशा हाथ । पहली बार उनके व्यापार में लवी मेले में छाई ऐसी मंदी । व्यापारियों ने मेले की अवधि को 10 से 15 दिन और बढ़ाने की उठाई मांग। व्यापारियों का है कहना इस बार स्टॉल भी दिए गए काफी महंगे। शिमला जिला के रामपुर बुशहर में अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक मेले की गतिविधियां अभी जारी है। हालांकि आधिकारिक रूप से मेला संपन्न हुए 20 दिन से अधिक हुए हैं। लेकिन मेला मैदान में स्टॉल खरीददारी की प्रतीक्षा में अभी भी पूर्व की तरह सजे है। लवी मेले में रेक्स और गर्म कपड़ों की खूब बिक्री होती है। क्योंकि दूर दराज ग्रामीण इलाकों के गरीबों एवं मजदूर वर्ग के लिए लवी मेले की खरीददारी सस्ती रहती है। लेकिन इस बार रेगज और गर्म कपड़े का व्यापार कर रहे कारोबारी के चेहरों पर रौनक देखने को नहीं मिल रही है । उनका कहना है कि ठंड बढ़ने के बावजूद भी व्यापार मंदी के दौर से गुजर रहा है। इसलिए उन्हें मेले की व्यापारिक गतिविधियों को चलाए रखने के लिए 10 से 15 दिन का समय प्रशासन से और मांगा है। उन्हे आस है की ठंड और बढ़ते ही खरीददार आने लगेंगे । ताकि वे नुकसानी की कुछ हद तक भरपाई कर सके।
व्यापारियों का कहना है की इस बार उन्हें मेले में स्टॉल भी महंगे दिए गए। जिस कारण उन्हें अपना खर्च निकालना भी मुश्किल हो रहा है
बरेली सेआए व्यापारी मुकेश गुप्ता ने बताया कि इस बार उनका कारोबार बिल्कुल मंदा पड़ा है। दुकान की जगह भी काफी महंगे में ली है।। चंडीगढ़ से आए व्यापारी विजय ने बताया 25 वर्षों से लवी मेला लगाने आ रहे हैं। लेकिन इस बार जो मेला लगा है वह बिल्कुल मंदा है। पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था। प्रशासन ने भी इस बार स्टॉल महंगे कर दिए हैं । इस बार उनका काम बिल्कुल नहीं हुआ वे चाहते हैं कि 15 से 20 दिन का समय स्टॉल लगाने के लिए और दिया जाए।
मेरठ के रहने वाले राजू ने बताया लवी मेला लगाने आए हैं । इस बार बिल्कुल व्यापार मंदा चल रहा है। दुकानों में माल वैसे का वैसा ही पड़ा है। पहले वह सामान बेचकर अब तक चले जाते थे। लेकिन इस बार अभी 15 दिन कम से कम और लगेंगे।
व्यापारी राजेंद्र गुजराती ने बताया कि वे मेरठ से गर्म कपड़े लेकर के आए हैं। वे 40 वर्षों से लवी मेले में आ रहे हैं, लेकिन जो इस बार मेला पीटा है वैसा कभी पहले नहीं हुआ है। ऐसे में व्यापारियों को अपना खर्च निकालना भी मुश्किल हो रहा है। मौसम हालांकि ठंडा ठंडा हुआ है लेकिन अभी खरीदारी नहीं हो रहे हैं। उम्मीद है ठंड और बढ़ जाए तो शायद कुछ सामान उनका बीके ।
व्यापारी मुन्ना संपत पंजाबी ने बताया कि इस बार जो लवी चली है, बिल्कुल मंदा है। पहले काम अच्छा चलता था, स्टॉल की दरें भी बढ़ा दी गई है। जिस हिसाब से मेले में स्टॉल की चार्जिंग होती है उसी हिसाब से फैसेलिटीज नहीं दी जाती।