रामपुर बुशहर / विशेषर नेगी ————पशुओं में तेजी से फैल रहे लम्पी वायरस को रोकने के लिए ऊपरी
शिमला में प्रयास हुए तेज। पशुपालन विभाग की ओर से इस स्कीन डिजीज को
रोकने के लिए ऊपरी क्षेत्र की गोट पॉक्स के टीके लगाने का अभियान शुरू।
प्रथम चरण में विभिन्न गौशालाओं में रखी गई गऊओं का किया जा रहा है
वेक्सिनेशन। लोगों को लम्पी वायरस से पशुओं को बचाव बारे किया जा रहा है
जागरूक।
हिमाचल प्रदेश में पशुओ में फैली लंपी वायरस की बीमारी को
रोकने के लिए ऊपरी क्षेत्र में प्रयास तेज हो गए है। ऊपरी शिमला और
किन्नौर से क्षेत्रों में लम्पी वायरस दस्तक न दे इस लिए पशुपालन विभाग
ने गउओ में गोट पॉक्स के टीके लगाने का क्रम तेज कर दिया है। प्रथम
चरण में टीकाकरण अभियान को गौ शालाओ में चलाया गया है। ताकि जहाँ पशुओ
की संख्या अधिक है वहां यह स्किन डिजीज दस्तक न दे। चिकित्सको ने बताया
अब प्रदेश में 33 हजार से अधिक पशुओ का टीकाकरण हो चूका है। पशुपालन
विभाग के चिकित्सको ने बताया अब लंपी वायरस से मरने वाले पशुओं की संख्या
करीब अढ़ाई सौ हो गई हैं। प्रदेश के आठ जिलों में लंपी वायरस का संक्रमण
फैला हैं। उन्होंने बताया यह वायरस करीब 20 किलोमीटर डायमीटर में फैलता
है। इस लिए पशुशाला को साफ और कीट मच्छरों को पनपने से रोकना ही उपाय
है।
-अनिल शर्मा पशु चिकित्सक पशु पॉलिक्लिनिक रामपुर ने बताया लम्पी
डिजीज का संक्रमण आठ जिलों में है। अब तक प्रदेश में 33 हजार पशुओ का
टीकाकरण हो चुका है। शिमला जिला में भी करीब पांच सौ पशुओ में संक्रमण
की शिकायत है। उन्होंने बताया संक्रमण 20 किलोमीटर डायमीटर क्षेत्र में
फैलता है। मच्छर आदि गौशालाओ में फैलने नहीं देना चाहिए ताकि वायरस न
फैले।
चरण में गौशालाओ में टीके लगाए जा रहे है। दत्त नगर पशु चिकित्सालय के चिकित्सक अनिल चौहान ने बताया चरम
रोग की बीमार भारत के कई राज्यों में फैली है। हिमाचल में भी इस वायरस का
प्रकोप ा गया है। गौट पॉक्स नामक टीके पशुओ में लगाए जा रहे है। पहले