रिकांगपिओ, न्यूज व्यूज पोस्ट।
किन्नौर की ऊँची पहाड़ियों के बीच बसे रूपी गांव में आज खुशी की लहर दौड़ गई, जब प्रदेश के राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने गांव को जोड़ने वाले दो बेली ब्रिज जनता को समर्पित किए। 3 करोड़ 48 लाख की लागत से बनी ये पुलें अब न सिर्फ गांवों को जोड़ेंगी, बल्कि यहां की ज़िंदगी में भी नई रफ़्तार भरेंगी।
इतना ही नहीं, मंत्री ने 1.15 करोड़ की लागत से बनने वाली मझगांव से गुरगुरी सड़क और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रूपी का भी शिलान्यास किया। यानी अब इलाज और आवाजाही, दोनों सुविधाएं गांव की दहलीज तक आएंगी।
मंत्री ने साफ कहा – “सड़कें जनजातीय क्षेत्रों की भाग्य रेखा हैं। हमारी सरकार का लक्ष्य है कि किन्नौर का हर गांव मुख्य सड़कों से जुड़ा हो और हर जरूरत की सुविधा वहां तक पहुंचे।”
उन्होंने वन अधिकार अधिनियम-2006 की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार जनजातीय जिलों के भूमिहीनों को ज़मीन का अधिकार देने को प्रतिबद्ध है। पंचायत स्तर पर जागरूकता फैलाई जा रही है ताकि लोग इस क़ानून का भरपूर लाभ उठा सकें।
रूपी में आयोजित ग्रीन वैली अठारोह महोत्सव में उन्होंने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की और किन्नौर की संस्कृति की सराहना करते हुए कहा – “ऐसे उत्सव हमारी असल पहचान हैं, सरकार इनके संरक्षण के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।”
मौके पर उपमंडलाधिकारी निचार नारायण सिंह चौहान, किनफैड अध्यक्ष चंद्र गोपाल नेगी, जिला परिषद सदस्य हितैष नेगी सहित कई स्थानीय अधिकारी, जनप्रतिनिधि और ग्रामीण उपस्थित रहे। लोगों ने मंत्री के समक्ष अपनी समस्याएं भी रखीं, जिनका उन्होंने मौके पर ही समाधान करने का भरोसा दिया।