नई दिल्ली, न्यूज व्यूज पोस्ट। राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में 29 और 30 मई को एक विशेष साहित्यिक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसका विषय है “साहित्य कितना बदल गया है?”। इस आयोजन का नेतृत्व राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु करेंगी, जो 29 मई को सम्मेलन का उद्घाटन करेंगी।
इस सम्मेलन का आयोजन साहित्य अकादमी और संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से किया जा रहा है। सम्मेलन में संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत सहित देशभर के प्रतिष्ठित साहित्यकार, युवा लेखक और बुद्धिजीवी भाग लेंगे।
मुख्य आकर्षण:
इस दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान साहित्य की विविध धाराओं पर आधारित कई विचारोत्तेजक सत्र आयोजित किए जाएंगे:
- 📝 कवि सम्मेलन – सीधे दिल से: समकालीन कवियों द्वारा भावनाओं और समाज के यथार्थ को स्वर।
- 👩🎓 भारत का नारीवादी साहित्य: नई राहें बनाना: महिला लेखन की बदलती धाराओं और उसके सामाजिक प्रभाव पर चर्चा।
- 🔄 साहित्य में बदलाव बनाम बदलाव का साहित्य: साहित्य और समाज के आपसी रिश्ते की पड़ताल।
- 🌏 वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारतीय साहित्य की नई दिशाएं: अंतरराष्ट्रीय फलक पर भारतीय साहित्य की भूमिका और भविष्य की संभावनाएं।
समापन सत्र:
सम्मेलन का समापन देवी अहिल्याबाई होल्कर की गाथा से होगा, जो भारतीय संस्कृति, नेतृत्व और सेवा भावना की प्रतीक मानी जाती हैं।
सम्मेलन का उद्देश्य:
यह आयोजन भारतीय साहित्य के बदलते स्वरूप, सामाजिक सरोकारों और वैश्विक पहचान को लेकर संवाद स्थापित करने का मंच प्रदान करेगा। नई पीढ़ी के लेखकों और पाठकों को यह सम्मेलन साहित्य की वर्तमान स्थिति और संभावित दिशा से रूबरू कराएगा।