रामपुर बुशहर। न्यूज व्यूज पोस्ट।
रामपुर लोक निर्माण विभाग मंडल के तहत चल रहे विभिन्न कार्यों पर लोग अब उंगली उठाने लगे हैं। लोगों का कहना है कि अगर समय पर उच्च स्तरीय जांच नहीं होती तो आने वाले समय में विकास के नाम पर धांधलियों का पहाड़ खड़ा हो जाएगा। लोगों का यह भी कहना है कि चाहे वह बर्फ हटाने के नाम पर निजी मशीनरींयों का प्रयोग हो या फिर बरसात के दौरान मालवा हटाने के लिए ठेकेदारों की मशीनरी प्रयोग हुई है, इसमें कथित तौर पर गड़बड़ झाला हुआ है। रामपुर खंड के गोपालपुर पंचायत के पूर्व प्रधान एवं नगर परिषद रामपुर के पूर्व पार्षद हरिओम ठाकुर ने बताया कि रामपुर के लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कथित रूप में बड़े स्तर पर धांधलियां हो रही है। इस पर तुरंत अंकुश लगाया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि जिस तरह से खाद्य आपूर्ति विभाग के निरीक्षक पर बिना सरकारी अनुमति के सरकारी कार्यों के निपटान के लिए कर्मचारी रखने के आरोप में विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज किया है। इसी तरह लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता पर भी मामला दर्ज होना चाहिए। क्योंकि लोक निर्माण विभाग मंडल रामपुर में भी एक वर्ष तक मंडल के गोपनीय ब्रांच में एक महिला कर्मचारी को रखा गया था । बाकायदा इस मामले में अधीक्षण अभियंता द्वारा मातहत अधिकारी से जवाब तलबी भी की गई थी। उसके बाद जाकर महिला कर्मचारी को हटाया गया था। इसलिए सरकारी जांच एजेंसी को बिना भेदभाव के उन पर भी मुकदमा दर्ज होना चाहिए था, जैसे की खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी पर मुकदमा दर्ज हुआ है। उन्होंने बताया कि रामपुर में बर्फ हटाने के नाम पर पहले भी फर्जीवाडा हुआ है और इस बार भी गड़बड़ी होने की आशंका है। क्योंकि जिस तरह से विभाग ने थोड़ी बर्फबारी में ही 20-20 निजी मशीनरी बर्फ हटाने के काम में लगाई है । यह अपने आप में संशय पैदा कर रहा हैं । उन्होंने बताया कि रामपुर मंडल में कुछ ठेकेदारों के कथित फर्जी बिल बनाए जा रहे है। यहां तक की सरकारी नियमों के अनुसार अपने नजदीकी रिश्तेदारों को ठेके नहीं दिए जा सकते । लेकिन यहां सब कुछ चल रहा है । उधर किसान सभा शिमला जिला अध्यक्ष प्रेम चौहान ने बताया कि लोक निर्माण विभाग जहां मार्गो की दशा ठीक नहीं है उन पर काम करने की बजाय, ठेकेदारों को लाभ पहुंचने की नियत से टेंडर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि समय रहते रामपुर लोक निर्माण मंडल में हो रहे कार्यों की जांच की जानी चाहिए, अन्यथा सरकारी धन का बड़े पैमाने पर दुरपयोग होगा। इस से भ्रष्टाचार को समय पर रोकाने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल में सुख की सरकार भ्रष्टाचार रोकने के बड़े-बड़े दावे कर रही है लेकिन जमीन स्तर पर हकीकत कुछ और ही है।