रामपुर बुशहर / विशेषर नेगी —-रामपुर और आसपास के क्षेत्र में लावारिस छोड़ें गए बीमार व लाचार
पशुओं को रेस्क्यू और इलाज कर आश्रय स्थल पहुंचाने के कार्य में
स्वयंसेवी संस्थाएं आई आगे। कुछ समय के भीतर ही कई पशुओं का किया
रेस्क्यू और इलाज। उन्होंने लोगों से भी की है अपील बेजुबान पशुओं को
ना छोड़े लावारिस।-शिमला जिला के ऊपरी क्षेत्र रामपुर आसपास इन दिनों पशुओं को
लावारिस छोड़ने की प्रक्रिया तेज हो गई है। लावारिस छोड़े गए ऐसे पशुओ की
बीमारी अथवा चोट लगने से हो रही दुर्दशा को देखते हुए क्षेत्र की कुछ
स्वयं सेवी संस्थाए आगे आई है। हाल के दिनों में ही स्वयंसेवी संस्थाओ
से जुड़े लोगो की टीम ने कई ऐसे पशुओं को रेस्क्यू कर आश्रय स्थल तक
पहुँचाया है। इन स्वयंसेवको को जैसे ही नोगली नामक स्थान में कुछ दिनों
से एक गाय बच्चादानी बहार आने के कारण लाचार पड़ी होने की सुचना मिली तो
रेस्क्यू और इलाज के लिए चिकित्स्कों के दल के साथ मौके पर पहुंचे ।
करीब 7 घंटे की मशक्कत के बाद पशु का सफलतापूर्वक इलाज कराकर उसे
गौशाला पहुंचाया। स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़े लोगों ने अपील की हैकि इस
तरह गौ धन को लावारिस ना छोड़े। उन्होंने क्षेत्र के लोगो से आग्रह
किया है कही भी अगर लावारिस पशु लाचार और बेबसी की अवस्था में हो और
रेस्क्यू हो नहीं पा रहा हो तो उन्हें तुरंत सूचना दे। चिकित्सकों ने भी
लोगों से अपील की है कि पशुओं को लावारिस ना छोड़े और अगर कहीं बीमार
पशु हो तो उपचार के लिए तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सालय में सम्पर्क करे।
-रामपुर और आसपास के क्षेत्र में लावारिस छोड़ें गए बीमार व लाचार
पशुओं को रेस्क्यू और इलाज कर आश्रय स्थल पहुंचाने के कार्य में
स्वयंसेवी संस्थाएं आई आगे। कुछ समय के भीतर ही कई पशुओं का किया
रेस्क्यू और इलाज। उन्होंने लोगों से भी की है अपील बेजुबान पशुओं को
ना छोड़े लावारिस।-शिमला जिला के ऊपरी क्षेत्र रामपुर आसपास इन दिनों पशुओं को
लावारिस छोड़ने की प्रक्रिया तेज हो गई है। लावारिस छोड़े गए ऐसे पशुओ की
बीमारी अथवा चोट लगने से हो रही दुर्दशा को देखते हुए क्षेत्र की कुछ
स्वयं सेवी संस्थाए आगे आई है। हाल के दिनों में ही स्वयंसेवी संस्थाओ
से जुड़े लोगो की टीम ने कई ऐसे पशुओं को रेस्क्यू कर आश्रय स्थल तक
पहुँचाया है। इन स्वयंसेवको को जैसे ही नोगली नामक स्थान में कुछ दिनों
से एक गाय बच्चादानी बहार आने के कारण लाचार पड़ी होने की सुचना मिली तो
रेस्क्यू और इलाज के लिए चिकित्स्कों के दल के साथ मौके पर पहुंचे ।
करीब 7 घंटे की मशक्कत के बाद पशु का सफलतापूर्वक इलाज कराकर उसे
गौशाला पहुंचाया। स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़े लोगों ने अपील की हैकि इस
तरह गौ धन को लावारिस ना छोड़े। उन्होंने क्षेत्र के लोगो से आग्रह
किया है कही भी अगर लावारिस पशु लाचार और बेबसी की अवस्था में हो और
रेस्क्यू हो नहीं पा रहा हो तो उन्हें तुरंत सूचना दे। चिकित्सकों ने भी
लोगों से अपील की है कि पशुओं को लावारिस ना छोड़े और अगर कहीं बीमार
पशु हो तो उपचार के लिए तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सालय में सम्पर्क करे।
स्वयंसेवी पवन नेगी पहाड़िया ने बताया कि आजकल हमने एक अभियान
चलाया है कोई भी लावारिस पशु बीमार या गिरा पड़ा है ऐसे पशुओ को
रेस्क्यू कर इलाज कर रहे है। नोगली में एक गाय बच्चादानी बहार आने के
कारण लाचार पड़ी थी जिस का दत्तनगर के चिकित्सको की सहायता से इलाज कराया
कर रेस्क्यू कर हौशला पहुँचाया है। लेकिन उन्होंने रामपुर पशु
चिकित्सालय के चिकित्सकों की सेवाओं से नाराजगी जाहिर की है। रक्तदान सेवा परिवार के जितेंद्र कुमार ने बताया क्षेत्र में
कहीं पर भी आवारा पशु चोटिल जख्मी हालत में मिले तो वह उनसे संपर्क करें।
सहायता और रेस्क्यू के लिए उन की टीम तत्पर है। रक्तदान सेवा परिवार
हमेशा गौ सेवा में भी आगे आ रहा है। उन्होंने कहा आज भी वह सुबह से एक
गाय के इलाज में लगे थे और उन्हें 8 घंटे का समय लगा।
डॉक्टर अनिल चौहान पशु अधिकारी दत्तनगर ने बताया कि आज नोगली
में लावारिस छोड़ी गई गाय का इलाज कर रेस्क्यू किया और समाजसेवियों ने
भी इसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। उन्होंने लोगों से अपील की है कि
पशुओं को लावारिस ना छोड़े अपनी गऊओं का पूरी तरह ख्याल रखें। अगर कहीं
लावारिस छोड़ी गई चोटिल पशु दिखती है तो नजदीक के पशु चिकित्सालय में
सम्पर्क कर पशु का इलाज कराएं। हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए
इनकी सेवा करें।