रामपुर बुशहर | विशेषर नेगी
मुख्य बिंदु:
- ऊपरी शिमला, किन्नौर, आनी और स्पीति के कर्मचारियों ने लिया हिस्सा
- पुरानी पेंशन बहाली, आउटसोर्सिंग बंद करने और खाली पदों को भरने की मांग
- दिवंगत अधिकारी विमल नेगी की मौत को बताया भ्रष्ट तंत्र का नतीजा
रामपुर में हज़ारों बिजली बोर्ड कर्मचारियों का जमावड़ा
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों व अधिकारियों ने सोमवार को रामपुर के पाट बांग्ला मैदान में जिला स्तरीय महापंचायत का आयोजन किया। इसमें ऊपरी शिमला, किन्नौर, आनी, कुमारसैन और स्पीति से आए सैकड़ों कर्मचारियों ने भाग लिया।
सरकार को चेतावनी: नहीं मानी मांगें तो होगा बड़ा आंदोलन
महापंचायत में पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली, आउटसोर्स कर्मचारियों के शोषण पर रोक, और बोर्ड में रिक्त पदों को भरने जैसी प्रमुख मांगें रखी गईं। कर्मचारियों ने चेताया कि यदि सरकार ने शीघ्र कदम नहीं उठाए, तो प्रदेश मुख्यालय में बड़ा राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा।
विमल नेगी की मौत पर उठे सवाल
महापंचायत की शुरुआत में एचपीसीएल के दिवंगत महाप्रबंधक विमल नेगी को श्रद्धांजलि दी गई। वक्ताओं ने उनकी मौत को भ्रष्टाचार से जुड़ा बताया और कहा कि ईमानदार अधिकारियों को तंत्र में हो रहे भ्रष्टाचार के चलते जान गंवानी पड़ रही है। कर्मचारियों ने सरकार से दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
बिजली बोर्ड को जानबूझकर घाटे में डाला जा रहा: हीरा लाल वर्मा
प्रदेश सह-संयोजक हीरा लाल वर्मा ने बताया कि पहले जहां बोर्ड में 40,000 कर्मचारी कार्यरत थे, अब मात्र 13,000 बचे हैं। वहीं उपभोक्ताओं की संख्या 6 लाख से बढ़कर 28 लाख हो गई है। उन्होंने कहा कि सरकार वोट बैंक की राजनीति के तहत मुफ्त बिजली बाँट कर बोर्ड को आर्थिक संकट में धकेल रही है।
महिला कर्मचारी भी आंदोलन में सक्रिय
एचपीएसईबी कर्मचारी यूनियन महिला विंग की प्रदेश उपाध्यक्ष रतन ज्योति ने बताया कि यह पांचवी जिला स्तरीय महापंचायत है। उन्होंने आरोप लगाया कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को देनदारियां नहीं दी जा रही हैं और आउटसोर्स कर्मियों का शोषण लगातार जारी है।
निष्कर्ष:
रामपुर की यह महापंचायत बिजली बोर्ड कर्मचारियों की बढ़ती नाराजगी का प्रतीक है। यदि सरकार ने समय रहते कदम नहीं उठाए, तो हिमाचल में एक बड़ा कर्मचारी आंदोलन खड़ा हो सकता है।