रामपुर बुशहर –विशेषर नेगी —रामपुर के साथ लगते कुल्लू जिला के पोषणा पंचायत के रंदल में
ग्रामीण महिलाओं को दिया जा रहा है कौशल विकास प्रशिक्षण। ताकि दूर दराज
ग्रामीण महिलाये घर द्वार पर सीख सके स्वरोजगार के गुर। पहल को आगे
बढ़ाने का प्रयास किया है एक स्वयंसेवी संस्था ने। इस दौरान उद्योग विभाग
के अधिकारियों ने सरकार द्वारा स्वरोजगार अपनाने के लिए दी जाने वाली
सुविधाओं एवम सेवाओं की भी दी जानकारी।- दूरदराज ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के हुनर सिखा कर
आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास रामपुर आसपास तेज हो गया है. इसी कड़ी में
कुल्लू जिला के तहत निरमंड उपमंडल के रंधल गांव में सानवी नेचर फाउंडेशन
के सौजन्य से इको फ्रेंडली बैग मेकिंग का काम आरंभ किया गया। इसके बाद
महिलाओं को उनकी रुचि अनुसार अन्य प्रकार के प्रशिक्षण भी दिए जाएंगे
,ताकि ग्रामीण महिलाएं घर द्वार पर ही स्वरोजगार मुखी प्रशिक्षण घर
द्वार पर ले सके। इस दौरान उद्योग विभाग के निरीक्षक गोपाल और पंचायत
समिति सदस्य अमला कश्यप ने प्रदेश व केंद्र सरकार की विभिन्न
आत्मनिर्भरता से जुड़े योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि किस
क्षेत्र में कौन सी योजना प्रभावी हो सकती है। सरकार स्वरोजगार के लिए
कौन सी योजना में कितना अनुदान आर्थिक सहयोग करती है, कैसे इन योजनाओं का
लाभ आम व्यक्ति ले सकता है। खासकर महिलाएं स्वरोजगार के लिए कैसे आवेदन
कर सकती है। इस दौरान सानवी नेचर फाउंडेशन के संचालकों ने बताया कि उनका
प्रयास है कि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ लोगों को रोजगार के अवसर भी
पैदा कर सकें। ताकि ग्रामीण महिलाएं अपने हुनर के हिसाब से उत्पाद तैयार
कर मंडी में भेज सके व आजीविका कमा सके।
पंचायत समिति सदस्य अमला कश्यप ने बताया कि एक दूरदराज गांव
रधल में स्वयंसेवी संस्था के सहयोग से एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
किया जा रहा है। जिसमें ग्रामीण महिलाओं को इको फ्रेंडली बैग मेकिंग का
प्रशिक्षण दिया जाना है। आजकल इस बेरोजगारी के दौर में खासकर महिलाओं को
रोजगार से जुड़े प्रशिक्षण दिया जाए ऐसा उनका प्रयास है। ताकि महिलाएं
अपने पैरों पर स्वयं खड़े होकर जीवन चला सके।
सानवी नेचर फाउंडेशन संचालक विना नेगी ने बताया बैग मेकिंग का
प्रथम चरण में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। क्योंकि पॉलिथीन बंद होने के
बाद हैंड बैग या स्कूल बैग की काफी मांग रहती है और यह पर्यावरण
मित्र भी है। इसलिए महिलाओं को इस दिशा में आगे बढ़ाया गया और उसके बाद
अन्य प्रकार के प्रशिक्षण भी दिए जाएंगे। लाभार्थी किरण शर्मा ने बताया उन्हें गांव में ही बैग मेकिंग
बारे प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्हें कहा इस दौरान सरकार की विभिन्न
योजनाओं से भी अवगत कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में सरकार
रोजगार से जुड़ी योजनाओं को ग्रामीण दूर-दराज तक पहुंचा कर उन्हें जागरूक
करे ,ताकि आम लोगों को इसका लाभ मिल सके।सुशीला शर्मा ने बताया बैग मेकिंग का प्रशिक्षण दिया जाना है।
उन्होंने कहा कि सरकार से भी निवेदन करते हैं कि आम महिलाओं की पहुंच की
योजनाओ को धरातल तक पहुँचाया जाये। ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बने और स्वयं अपने पैरों पर खड़े हो सके.