बिलासपुर (न्यूज व्यूज पोस्ट):
ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता विमल नेगी की मौत के मामले में अब एक बड़ा और चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। अब तक जहां इस घटना में चमनलाल को सबसे अहम गवाह माना जा रहा था, वहीं CBI की जांच में सामने आया है कि असल चश्मदीद बिलासपुर निवासी मछुआरा सुनील है, जिसने घटनास्थल पर पूरा घटनाक्रम अपनी मोबाइल फोन से रिकॉर्ड किया था।
सूत्रों के मुताबिक, 18 मार्च को गाह क्षेत्र में शव देखे जाने की सूचना पर एएसआई पंकज दो अन्य लोगों के साथ ज्योरीपतन पहुंचा। वहां से वह सुनील की बोट में बैठकर घटनास्थल तक गया। मौके पर पहुंचकर नेगी का शव पानी से निकाला गया और इस दौरान की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग सुनील ने अपने मोबाइल से की, जो एएसआई पंकज के कहने पर की गई थी।
रिकॉर्डिंग के बाद मोबाइल ले गया था एएसआई पंकज
रिकॉर्डिंग पूरी होते ही एएसआई पंकज ने सुनील से उसका मोबाइल फोन अपने कब्जे में ले लिया और उसे तलाई थाना ले गया। यही वीडियो अब CBI जांच की अहम कड़ी बन चुका है।
शिमला बुलाकर हुई पूछताछ
CBI ने शुक्रवार को सुनील को शिमला बुलाकर पूछताछ की। हालांकि सुनील अब इस मामले में खुलकर कुछ भी कहने से बच रहा है। लेकिन CBI सूत्रों का दावा है कि घटना का सबसे सटीक ब्यौरा सुनील के पास है, और उसी के मोबाइल में मौजूद वीडियो इस मामले का पूरा सच बयां कर सकती है।
सवाल जो अब भी अनुत्तरित हैं:
- सुनील के मोबाइल की रिकॉर्डिंग में क्या कुछ छिपाया गया है?
- एएसआई पंकज ने सुनील का मोबाइल अपने पास क्यों रखा?
- क्या यह सिर्फ हादसा था या किसी साजिश का हिस्सा?
- चमनलाल की भूमिका अब कितनी प्रासंगिक रह गई है?
CBI अब सुनील से मिले इन तथ्यों के आधार पर घटना की टाइमलाइन और पुलिस की कार्रवाई की गहराई से पड़ताल कर रही है। नेगी की मौत हादसा थी या इसके पीछे कोई गहरी साजिश, इसका जवाब शायद अब ज्यादा दूर नहीं।