शिमला, 21 जून 2025:न्यूज व्यूज पोस्ट,
हिमाचल प्रदेश में वर्षों से लटकी जल विद्युत परियोजनाओं पर सरकार ने अब सख्त रुख अपना लिया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने ऊर्जा विभाग को निर्देश दिए हैं कि जो डेवलपर समय पर परियोजनाएं पूरी नहीं कर रहे हैं, उन्हें नोटिस जारी कर प्रोजेक्ट रद्द किए जाएं। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं में देरी से प्रदेश के राजस्व को गंभीर नुकसान हो रहा है और यह अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
शिमला में आयोजित ऊर्जा विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था जल विद्युत उत्पादन पर आधारित है और इसका लाभ सीधे जनता को मिलना चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि परियोजनाओं की समयसीमा सुनिश्चित कर जिम्मेदारी तय की जाएगी।
राज्य सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए एसजेवीएनएल को आवंटित की गई तीन परियोजनाएं — 382 मेगावाट की सुन्नी, 210 मेगावाट की लुहरी स्टेज-1 और 66 मेगावाट की धौलासिद्ध — को वापस लेने का निर्णय लिया है। साथ ही सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि जब तक भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) राज्य के लंबित बकाए को लेकर स्पष्ट आश्वासन नहीं देता, तब तक किशाऊ और रेणुका बांध जैसी आगामी परियोजनाओं को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
बैठक के दौरान जानकारी दी गई कि BBMB ने भाखड़ा बांध पर 4403 मेगावाट और कोल बांध पर 8700 मेगावाट की पंप स्टोरेज परियोजनाओं की संभावनाएं चिह्नित की हैं। मुख्यमंत्री ने इन प्रस्तावों पर तेजी से कार्य शुरू करने के निर्देश दिए ताकि हिमाचल पंप भंडारण ऊर्जा के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित कर सके।
इसके साथ ही सरकार ने सौर ऊर्जा क्षेत्र में भी रफ्तार बढ़ा दी है। एचपीएसईबीएल को अगस्त 2025 तक स्पीति घाटी के काजा में सौर ऊर्जा परियोजना शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं चंबा जिले की दूरवर्ती पांगी घाटी के धनवास क्षेत्र में एक मेगावाट बैटरी बैकअप युक्त सौर परियोजना दिसंबर 2025 तक पूरी की जाएगी, जिससे भारी बर्फबारी में भी 19 पंचायतों को 24×7 बिजली मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री ने ‘ग्रीन पंचायत योजना’ की प्रगति की भी समीक्षा की और शोंग टोंग की 450 मेगावाट जल विद्युत परियोजना को तय समय पर पूरा करने पर जोर दिया।
बैठक में यह भी तय किया गया कि हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड (HPSEBL) राज्य में 66 केवी क्षमता के पांच नए सब-स्टेशन बनाएगा। वहीं, पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन 132 और 220 केवी क्षमता के कुल 10 सब-स्टेशन स्थापित करेगा। यह सभी कार्य विद्युत विनियामक आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार होंगे।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, अधोसंरचना सलाहकार अनिल कपिल, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, HPSEBL अध्यक्ष संजय गुप्ता, निदेशक ऊर्जा राकेश प्रजापति, पावर कॉरपोरेशन के एमडी आबिद हुसैन सादिक और ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन के एमडी राजीव सूद सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।