रामपुर बुशहर / न्यूज़ व्यूज पोस्ट —भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) लोकल कमेटी रामपुर ने रामपुर में लोगों की आजीविका पर हो रहे हमलों, महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, लगातार बढ़ते अपराध तथा लोकतंत्र, जनवादी अधिकारों, भारतीय संविधान और धर्म निरपेक्षता पर केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे हमलों के खिलाफ रामपुर में धरना प्रदर्शन किया।
इस धरने प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए सी.पी.एम. लोकल कमेटी सचिव कुलदीप सिंह, रणजीत ठाकुर, दिनेश मेहता, प्रेम चौहान ने कहा कि देश में रिकार्ड तोड़ महंगाई और बेरोजगारी ने आम आदमी का जीना मुहाल कर दिया है। टैक्सों की भरमार से जनता को निचौड़ा जा रहा है। पैट्रोलियम उत्पादों पर अनाप शनाप टेक्स लगाकर केन्द्र सरकार ने एक साल में ही 4 लाख करोड़ रूपये कमाए हैं आज भी केंद्र सरकार एक लीटर पेट्रोल पर 28 रुपये और डीजल पर 22 रुपये बटोर रही है एक तरफ घरेलु गैस के दामों में 30 प्रतिशत बढ़ोतरी की है दूसरी तरफ कॉरपोरेट टैक्स 35 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया है मोदी सरकार और हिमाचल प्रदेश की जयराम सरकार इस देश व प्रदेश के अंदर नवउदारवादी नीतियों को तेजी से लागू करके अपने पूंजीपति दोस्तो को फायदा पंहुचाने के लिए जानबूझकर देश की आम जनता के ऊपर महंगाई थोप रही है। आज महंगाई में हो रही बेहताशा बढ़ोतरी का असर रसोई घर पर दिख रहा है और आम जनता को खाने पीने के समान में कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।आज सार्वजनिक सम्पतियों को कौड़ियों के भाव बेच कर पूंजीपतियों को मुनाफा कमाने की खुली छूट दी जा रही है। पिछले वर्ष के दौरान पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में 70 प्रतिशत, सब्जियों में 20 प्रतिशत, खाना पकाने के तेल में 23 प्रतिशत और अनाज की कीमतों में 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। करोड़ों भारतीयों के मुख्य आहार गेहूं की कीमत लगभग 35 रू/किग्रा. हो गई है। पेट्रोलियम उत्पादों और रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से आज एक घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 1100./ रुपये से अधिक हो गई है और कमर्शियल सिलिंडर की कीमत 2500रुपये से अधिक हो गयी है।जिससे
इस चौतरफा महंगाई को बढ़ रही है।जहां एक तरफ कोरोना महामारी के चलते देश की जनता परेशानियों से अभी भी उभर नहीं पाई और इस परिस्थिति मैं सरकार को आम जनता के दुख तखलीफ़ को कम करने के लिए राहत देने की आवश्यकता थी ऐसी परिस्थिति में पेट्रोल, डीज़ल व रसोई गैस के दाम बढ़ाने व डिपुओं के माध्यम से मिल रहे सस्ते राशन के दामों में प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही बढ़ोतरी से आम जनता पर महँगाई का बोझ डाला जा रहा है। दूसरी तरफ मकान के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले सीमेंट के दाम 500रुपये प्रति बैग, सरिया व बिजली के उत्पाद के दामों में हो रही बढ़ोतरी से निर्माण कार्य महंगा हो गया है। जिससे लोगों का रोजगार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।महंगाई पर केंद्र की मोदी सरकार रोक लगाने मैं असफल रही है महँगाई लगातार बढ़ रही है कच्चे तेल के दामों में हो रही गिरावट के चलते जहां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती होनी चाहिए थी नहीं हो रही बल्कि लगातार बढ़ोतरी हो रही है।पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में वृद्धि होने से हमारे देश की आम जनता को अपनी आजीविका का निर्वहन करना कठिन हो रहा है। दूसरी तरफ आटा, चावल, दुध, दही, लस्सी, पनीर इत्यादि आवश्यक वस्तुओं पर आजादी के बाद पहली बार जीएसटी के रूप में टैक्स लगाया है।
इसी प्रकार 2 करोड़ नए रोजगार हर साल देने के वायदे के विपरीत पिछले 5 साल में 1 करोड़ 20 लाख रोजगार कम किए गए हैं। जबकि केन्द्र सरकार के विभागों और निकायों में 10 लाख पद खाली पड़े हैं। श्रम कानूनों की बजाय लेबर कोड लाकर स्थाई रोजगार को कच्चे में बदला जा रहा है। हिमाचल में भी हजारों खाली पदों पर नियमित भर्ती करने के बजाय आउटसोर्स , मल्टीटास्क के माध्यम से मामूली वेतन पर ठेका कर्मचारी लगा रही है। बेरोजगारी प्रदेश में लगातार बढ़ रही है और उच्च योग्यता प्राप्त नौजवानों को मजबूरी में कम वेतन के कच्चे रोजगार अथवा चतुर्थ श्रेणी का काम करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
इस मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत किया जाना चाहिए,महंगाई से राहत देने के लिए सबको 10 किलो प्रति व्यक्ति मुफ्त राशन दिया जाए, नोजवानों को स्थाई रोजगार दिया जाए, मनरेगा वर्कर को 700 रुपये दिहाड़ी व 200 दिन का रोजगार हर हाल मैं सुनिश्चित की जाए।इस धरने में प्रकाश , हरीश भलूनी , नीमू, चंद्र, शोभा राम, मनोज, राजपाल, मंगत, मोहन लाल, विकेश, अजय शर्मा, सीता, ललिता, शिव चरण, दयाल भाटनु , मानिता,मंजू,सीता उर्मिला, नील चंद, नीलम, मोती राम आदि उपस्थित रहे।