नई दिल्ली, न्यूज व्यूज पोस्ट – भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता पंजीकरण प्रणाली को और अधिक सटीक, पारदर्शी और मतदाताओं के अनुकूल बनाने के उद्देश्य से तीन महत्वपूर्ण पहलें शुरू की हैं। इन पहलों की घोषणा मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. वेक जोशी की उपस्थिति में हुई, जो मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के सम्मेलन के दौरान की गईं।
1. मृत्यु पंजीकरण डेटा का इलेक्ट्रॉनिक आदान-प्रदान:
अब आयोग, पंजीकृत मृतकों का डेटा भारत के महापंजीयक से इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त करेगा। यह व्यवस्था चुनाव नियम 1960 और जन्म-मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 (संशोधित 2023) के तहत की गई है। इससे बूथ स्तर अधिकारियों (बीएलओ) को मृत मतदाताओं की जानकारी समय पर मिलेगी और वे बिना औपचारिक अनुरोध का इंतजार किए फील्ड विज़िट कर सत्यापन कर सकेंगे।
2. बीएलओ को मिलेगा फोटो पहचान पत्र:
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 13ख(2) के तहत सभी बीएलओ को अब आयोग द्वारा मान्य फोटो पहचान पत्र दिए जाएंगे। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नागरिक सत्यापन एवं पंजीकरण अभियानों के दौरान बीएलओ को पहचान सकें और उनसे आत्मविश्वास के साथ संवाद कर सकें।
3. मतदाता सूचना पर्चियों में सुधार:
आयोग ने मतदाता सूचना पर्चियों (वीआईपी) के डिज़ाइन को और अधिक सरल और स्पष्ट बनाने का निर्णय लिया है। अब पर्ची में मतदाता की क्रम संख्या और भाग संख्या को प्रमुखता से दिखाया जाएगा, और फॉन्ट का आकार बढ़ाया जाएगा ताकि मतदाता अपने मतदान केंद्र की पहचान आसानी से कर सकें।
भारत निर्वाचन आयोग की ये पहलें न केवल मतदाता सूची की गुणवत्ता को बेहतर बनाएंगी, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी और विश्वसनीय भी बनाएंगी।