रामपुर बुशहर / विशेषर नेगी ——-शिमला ज़िला के रामपुर में भवन एवम निर्माण से जुड़े विभिन्न
क्षेत्रो में काम करने वाले कामगारों ने श्रम अधिकारी कार्यालय
का किया घेराव। इस से पहले रोहड़ू, ननखड़ी, नारकण्डा, रामपुर और कुल्लू के
आनी व निरमण्ड से आये ग्रामीण कामगारों रामपुर में निकाली रैली।
प्रदर्शनकारियों ने कहा अभी 24 घण्टे तक होगा श्रम अधिकारी कार्यालय के
बाहर धरना प्रदर्शन । समस्याएं हल न होने पर आंदोलन को बढ़ाया जा सकता है
अनिश्चित काल के लिए। ग्रामीण क्षेत्रों से आये कामगारों ने कामगार
बोर्ड पर लगाया आरोप समय पर पंजीकरण व अन्य देनदारियों ना मिलने से
गरीबो को हो रही मुश्किले।-शिमला जिला के रोहड़ू , नारकंडा ननखड़ी ,रामपुर व कुल्लू जिला
के आनी निरमंड से आये कामगारों ने रामपुर बाजार में निकाली रैली। उसके
बाद श्रम अधिकारी रामपुर के कार्यालय का किया घेराव। प्रदर्शनकारियों ने
बताया कि उनकी विभिन्न देनदारियों को समय पर भुगतान न किए जाने के कारण
24 घंटे तक यह धरना प्रदर्शन कार्यालय के बाहर जारी रहेगा। अगर उसके बाद
भी समस्याएं हल नहीं हुई तो आंदोलन को बढ़ाया जा सकता है। सीटू संगठन के
बैनर तले प्रदर्शन कर रहे हैं ग्रामीण क्षेत्रों से आए कामगारों ने बताया
कि भवन एवं अन्य निर्माण कामगार बोर्ड के माध्यम से जो सुविधाएं एवं
सेवाएं उन्हें मिलनी चाहिए समय पर नहीं मिल रही है। जिस तरह से पंजीकरण
15 दिन के भीतर होना चाहिए लेकिन आठ महीने में भी पंजीकरण प्रक्रिया
पूर्ण नहीं हो रही। उन्होंने बताया कामराज बोर्ड में पंजीकृत कामगारों
के बच्चों को मिलने वाली फीस की राशि, शादी, डिलीवरी व्मे डिकल बिल,
मृत्यु बीमा और पेंशन आदि तमाम देन दारियाँ लंबित पड़े। है जिससे
ग्रामीण गरीब कामगारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया बोर्ड के द्वारा दी जाने वाली इस सहायता राशि का भी
राजनीति किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह पैसा कामगार बोर्ड के
पास करीब सोलह सौ करोड़ पैसा कामगारों का पड़ा है। बावजूद इसके लीपापोती कर
यह धनराशि नहीं दी जा रही है। ऐसे में मजबूर होकर विभिन्न क्षेत्रों से
आए कामगारों को आज श्रम अधिकारी कार्यालय रामपुर के बाहर यह प्रदर्शन
किया है।- हिमाचल प्रदेश भवन सड़क एवं निर्माण मजदूर यूनियन महासचिव शिमला
अमित ने बताया कि श्रम अधिकरी कार्यालय रामपुर के बाहर जो प्रदर्शन हो
रहा है। इस से पहले 5 जुलाई को भी धरना प्रदर्शन के माध्यम से समस्याओं
को रखा गया था। मनरेगा व दूसरे निर्माण से जुड़े मज़दूरों को मिलने वाले
लाभ व अन्य देनदारियां उस के बाद भी नहीं दी जा रही है। जो पंजीकरण
होना है वह भी समय पर नहीं हो रहा। बोर्ड का राजनीतिकरण हो रहा है. सुनील मेहता जिला अध्यक्ष भवन एवं निर्माण फेडरेशन ने बताया
बोर्ड के अधिकारी गरीबों काम नहीं कर रहे हैं। सरकार के इशारे पर काम
हो रहा है। इसलिए आज यह प्रदर्शन करने पर मज़बूर होना पड़ा। पंजीकरण से
जुड़ी नवंबर की जो फाइलें जमा हुई है उन्हें आज तक पंजीकरण नहीं किया तक पंजीकरण नहीं किया
है।
सीटू नेता बिहारी सेवगी ने बताया प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य
रामपुर श्रम अधिकारी कार्यालय के तहत 17 हजार मजदूरों का पंजीकरण हुआ
है। यह वह मजबूर है जो मनरेगा व् ग्रामीण क्षेत्रों में अन्य निर्माण से
जुड़े क्षेत्रों में काम करते है। उन्होंने बताया 1996 का कानून है, जिस
का उद्देश्य उनके बच्चों की पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद , मेडिकल सुविधा ,
शादी पर सहायता व्स अन्य सुविधाएं सरकार को लाभ पहुंचाना है। इस बोर्ड
के तहत जो भी लाभ मिल रहे है वह सरकार के पास पैसा जमा है। हिमाचल
प्रदेश में लगभग 16 सौ करोड़ कामगारों के वेलफेयर के लिए पैसा जमा है।