नई दिल्ली:न्यूज व्यूज पोस्ट।
फरवरी 2025 में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) में 0.19% की गिरावट दर्ज की गई, जो जनवरी 2025 के मुकाबले एक मामूली कमी को दर्शाता है। यह जानकारी शुक्रवार को जारी मासिक डब्ल्यूपीआई रिपोर्ट से सामने आई। रिपोर्ट में बताया गया कि प्रमुख वस्तुओं और समूहों के मूल्य में विविधता रही, जिससे समग्र आर्थिक स्थिति पर मिश्रित प्रभाव पड़ा।
पिछले छह महीनों में डब्ल्यूपीआई में विभिन्न श्रेणियों के अनुसार बदलाव देखने को मिले। प्राथमिक वस्तुओं के लिए डब्ल्यूपीआई में फरवरी 2025 में 1.63% की कमी आई, जबकि पिछले कुछ महीनों में यह गिरावट लगातार बनी रही। ईंधन और बिजली श्रेणी में फरवरी में 1.18% की वृद्धि हुई, लेकिन मार्च 2025 के लिए इसका अनुमान -0.91% की गिरावट का है।
वहीं निर्मित उत्पाद के श्रेणी में भी बदलाव देखा गया, हालांकि इसकी विस्तृत जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इन बदलावों का प्रभाव उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों और उद्योगों की उत्पादन लागत पर दिखाई दे सकता है, जो आगामी महीनों में आर्थिक नीति को प्रभावित कर सकता है।
विशेषज्ञों की राय:
आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, डब्ल्यूपीआई में इस कमी का मुख्य कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में अस्थिरता और घरेलू मांग में मंदी को माना जा सकता है। साथ ही, ऊर्जा और कच्चे माल की कीमतों में अस्थिरता ने भी इन आंकड़ों को प्रभावित किया है।
कुल मिलाकर, यह रिपोर्ट भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है, जिससे नीति निर्माताओं को आगामी समय में कदम उठाने की आवश्यकता होगी।