शिमला। न्यूज व्यूज पोस्ट।
प्रदेश में ई-डिटेक्शन सिस्टम की शुरुआत के साथ ही अब हाईवे पर बिना किसी रुकावट के वाहनों के दस्तावेजों की जांच संभव होगी। इस अत्याधुनिक निगरानी तंत्र को ट्रैफिक नियमों के कड़ाई से पालन और डिजिटल ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने के लिए लागू किया जा रहा है।
कैसे काम करेगा ई-डिटेक्शन सिस्टम?
यह सिस्टम ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) तकनीक पर आधारित होगा, जो वाहनों की हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) को स्कैन करके उनके रजिस्ट्रेशन, बीमा, फिटनेस सर्टिफिकेट और प्रदूषण प्रमाणपत्र (PUC) की जांच करेगा। यह सब कुछ रियल-टाइम में होगा, जिससे यातायात पुलिस को मैन्युअल रूप से वाहनों को रोकने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
वाहन मालिकों के लिए अनिवार्य दिशानिर्देश:
- हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) लगवाना अनिवार्य है। बिना HSRP के गाड़ियों की पहचान मुश्किल होगी और वाहन स्वामियों पर जुर्माना लग सकता है।
- वाहन रिकॉर्ड में मोबाइल नंबर अपडेट कराना जरूरी है, ताकि चालान या अन्य यातायात संबंधी सूचनाएं सीधे वाहन मालिक को भेजी जा सकें।
- वाहन के सभी दस्तावेज अद्यतन रखें, क्योंकि डिजिटल चेकिंग के दौरान किसी भी तरह की कमी पकड़ी गई तो तुरंत ई-चालान जारी होगा।
यातायात व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव
इस तकनीक के लागू होने से प्रदेश में यातायात निगरानी स्मार्ट और प्रभावी होगी। चोरी हुए वाहनों की ट्रैकिंग आसान होगी, और सड़क सुरक्षा में बड़ा सुधार आएगा। इसके अलावा, बिना वैध दस्तावेजों के चलने वाले वाहन तुरंत पकड़े जाएंगे, जिससे ट्रैफिक नियमों का पालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित होगा।
प्रदेश सरकार का यह कदम डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट की दिशा में एक बड़ा बदलाव साबित होगा।