पालमपुर:न्यूज़ व्यूज पोस्ट।
हिमाचल प्रदेश में नशे के बढ़ते जाल को तोड़ने के प्रयासों के बीच पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने 12.22 ग्राम चिट्टा (हेरोइन) बरामद करते हुए सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें चौंकाने वाले नाम शामिल हैं। पकड़े गए लोगों में न सिर्फ आम नागरिक बल्कि सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारी भी शामिल हैं।
सरकारी विभागों से जुड़े आरोपी
गिरफ्तार किए गए सात आरोपियों में एक हिमाचल पुलिस विभाग में चालक के रूप में कार्यरत था, जबकि एक अन्य खेल विभाग में चालक के पद पर तैनात था। इसके अलावा, एक आरोपी पेट्रोल पंप में कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम करता था, एक पेशेवर फोटोग्राफर था, और एक अपना खुद का ड्राइविंग स्कूल चला रहा था। वहीं, दो अन्य आरोपी श्रमिक के रूप में कार्यरत थे।
नशे की चपेट में सरकारी सिस्टम?
इस मामले ने प्रशासनिक तंत्र पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि जिन सरकारी कर्मचारियों पर जिम्मेदारी होती है, वे ही नशे के कारोबार से जुड़े पाए गए हैं। पुलिस विभाग का चालक होने के बावजूद आरोपी नशे के धंधे में लिप्त था, जिससे यह आशंका बढ़ जाती है कि कहीं सिस्टम के अंदर ही ऐसे नेटवर्क तो नहीं पनप रहे?
हिमाचल में बढ़ता नशे का खतरा
हिमाचल प्रदेश में नशे का प्रसार तेजी से बढ़ रहा है, खासकर युवाओं में इसकी जड़ें गहरी होती जा रही हैं। सरकारी कर्मचारियों के इस गिरोह का पकड़ा जाना दर्शाता है कि नशे का असर सिर्फ बेरोजगारों तक सीमित नहीं, बल्कि समाज के सभी वर्ग इसकी चपेट में आ रहे हैं।
पुलिस की सख्त कार्रवाई
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल हो सकता है और नशे की खेप कहां से लाई जा रही थी।
इस घटना ने एक बार फिर हिमाचल प्रदेश में नशे के बढ़ते संकट को उजागर कर दिया है। प्रशासन को अब इस पर कड़ा रुख अपनाने और नशा माफियाओं पर नकेल कसने की जरूरत है, ताकि देवभूमि को नशे के जाल से मुक्त किया जा सके।