शिमला, 14 अप्रैल 2025, न्यूज व्यूज पोस्ट,
हिमाचल के दुर्गम जनजातीय क्षेत्र पांगी में इन दिनों उम्मीद की एक नई किरण दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के हालिया निर्णयों ने न केवल राज्य भर में बल्कि सुदूर पांगी में भी सकारात्मक ऊर्जा भर दी है। स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री की कार्यशैली और निर्णायक फैसलों की खुलकर सराहना की है।
धरवास पंचायत समिति के पूर्व सदस्य वीर सिंह राणा ने कहा कि पहली बार किसी सरकार ने प्रदेश के संसाधनों के संरक्षण की इतनी गंभीरता से चिंता की है। मुख्यमंत्री द्वारा बैरा स्यूल और डुग्गर जैसी महत्वपूर्ण जलविद्युत परियोजनाओं को राज्य सरकार के अधीन लेने की पहल को उन्होंने ऐतिहासिक कदम बताया।
मुख्यमंत्री ने हाल ही में मंत्रिमंडल बैठक में सुन्नी (382 मेगावाट), लूहरी स्टेज-1 (210 मेगावाट), धौल सिद्ध (66 मेगावाट), डुग्गर (500 मेगावाट) और बैरा स्यूल (180 मेगावाट) जैसी परियोजनाओं को राज्य सरकार के नियंत्रण में लेने की घोषणा की। यह न केवल ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती देगा, बल्कि स्थानीय रोजगार और राजस्व में भी बढ़ोतरी सुनिश्चित करेगा।
ग्राम पंचायत धरवास के पूर्व प्रधान राज कुमार ने मुख्यमंत्री द्वारा चम्बा-बैरागढ़- साच दर्रा- किल्लाड़ मार्ग को सीमा सड़क संगठन (BRO) के अधीन लाने की मांग को दूरदर्शी पहल बताया। उन्होंने कहा कि यह मार्ग सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है और सर्दियों में मनाली-लेह मार्ग के बंद रहने की स्थिति में विकल्प बन सकता है।
इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री द्वारा तीसा टनल (13 किमी) को BRO के अधीन करने का प्रस्ताव क्षेत्र के विकास को नई दिशा देगा। इससे चम्बा से किल्लाड़ की दूरी लगभग 88 किलोमीटर घटेगी और यातायात पूरे साल सुचारु रहेगा।
स्थानीय निवासी रोशन लाल का कहना है कि मुख्यमंत्री सुक्खू जैसे नेतृत्व विरले ही होते हैं, जो निःस्वार्थ भाव से जनता के कल्याण के लिए कार्य करते हैं। पांगी जैसे दूरस्थ क्षेत्र के लोगों को जब प्रदेश सरकार की सीधी संवेदनशीलता और निर्णयों का लाभ मिलता है, तो भरोसा और उम्मीद दोनों मजबूत होती हैं।
मुख्यमंत्री के इन फैसलों ने यह साफ कर दिया है कि सरकार केवल केन्द्रों तक सीमित न रहकर अंतिम छोर तक बसे व्यक्ति तक भी विकास की रोशनी पहुंचाने के संकल्प पर काम कर रही है।