मनाली। न्यूज व्यूज पोस्ट।
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के मनाली के छोटे से गांव शुरू से निकलकर समाज सेवा के बड़े मंच तक पहुंचने वाले सुमित ठाकुर को भारत सरकार ने राष्ट्रीय युवा पुरस्कार 2025 के लिए चुना है। यह गौरवशाली सम्मान उन्हें नव भारतीय संसद भवन में राष्ट्रीय युवा संसद के दौरान प्रदान किया जाएगा।
छोटी उम्र, बड़े संकल्प
15 वर्ष की आयु से समाज सेवा का बीड़ा उठाने वाले सुमित ने 18 वर्ष के होते ही रक्तदान का संकल्प लिया और अब तक 21 बार रक्तदान कर चुके हैं। यही नहीं, वह मरणोपरांत अपने सभी अंग दान करने का संकल्प भी ले चुके हैं।
युवा शक्ति को दी नई दिशा
सुमित यूथ फ़ॉर वॉलंटरी एक्शन इन हिमाचल के सह-संस्थापक हैं और युवा: एनजीओ के अध्यक्ष के रूप में 2000 से अधिक युवाओं को संगठित कर रहे हैं। उनकी टीम रक्तदान, नशामुक्ति, पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण जैसे अभियानों में सक्रिय भूमिका निभा रही है।
बाढ़ हो या कोरोना, हर मुश्किल में आगे
मनाली में बाढ़ के दौरान सुमित ने राहत सामग्री पहुंचाई, वहीं कोरोना महामारी के समय 200 दिनों तक डिजिटल अभियान चलाकर दवाइयां, राशन और मास्क वितरित किए।
पर्यावरण संरक्षण में अनोखी पहल
सुमित ने “ग्रीन बर्थडे” की शुरुआत की, जिसमें जन्मदिन पर गिफ्ट देने की बजाय एक पौधा भेंट कर तीन साल तक उसकी देखभाल की जाती है। यह अभियान युवाओं में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
हिमाचल में जश्न का माहौल
सुमित को राष्ट्रीय युवा पुरस्कार मिलने की खबर से पूरे हिमाचल में गर्व और खुशी की लहर दौड़ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, सांसद कंगना रनौत और पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने भी सोशल मीडिया पर बधाई दी है।
मिशन 100 रक्तदान का संकल्प
सुमित का लक्ष्य 100 बार रक्तदान कर जरूरतमंदों की जान बचाना और युवाओं को नशे से दूर कर राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना है।
युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बने सुमित ठाकुर यह साबित कर रहे हैं कि एक व्यक्ति भी समाज में बदलाव ला सकता है। हिमाचल के इस युवा की कहानी पूरे देश के नौजवानों के लिए मिसाल बन रही है।