नई दिल्ली, न्यूज व्यूज पोस्ट।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की वादियों में अचानक गोलियों की गूंज गूंज उठी — वो भी धर्म पूछ-पूछकर। टूरिस्ट स्पॉट पर टहल रहे लोगों को नहीं पता था कि अगला सवाल उनकी ज़िंदगी का आखिरी हो सकता है। आतंकियों ने 26 बेगुनाह पर्यटकों को सिर्फ इसलिए गोली मार दी क्योंकि वो एक खास धर्म से थे।
चीख-पुकार और खून में सना पहलगाम:
वहां मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमलावरों ने पहले टूरिस्टों को घेरकर उनका धर्म पूछा, फिर जवाब सुनते ही गोली चला दी। कई महिलाएं अपने पतियों की जान की भीख मांगती रहीं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कुछ वीडियो में नवविवाहित महिलाएं रोती-बिलखती नजर आ रही हैं, जो अपने घायल पति को बचाने के लिए गुहार लगा रही हैं।
देश भर से पहुंचे थे सैलानी, लौटे ताबूत में:
हमले में जान गंवाने वाले 26 टूरिस्टों में 4 महाराष्ट्र, 3 कर्नाटक, 3 तमिलनाडु, 2 गुजरात, 1 हरियाणा, 1 यूपी, 1 ओडिशा और 1 जम्मू-कश्मीर के रहने वाले थे। इतना ही नहीं, मरने वालों में दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं — एक UAE से और दूसरा नेपाल से। UAE के प्रदीप कुमार उधवानी और नेपाल के संदीप नेवपाने भी इस नरसंहार का शिकार बने।
सेना का जवाब: पहलगाम में सर्च ऑपरेशन तेज़
हमले के फौरन बाद सेना ने पूरे इलाके को घेर लिया है। पहलगाम और आस-पास के इलाकों में सेना की गश्त तेज कर दी गई है। हर संदिग्ध मूवमेंट पर पैनी नजर रखी जा रही है। अब तक यह साफ हो चुका है कि इस हमले की जिम्मेदारी TRF (The Resistance Front) ने ली है, जो पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की छाया इकाई मानी जाती है।
क्यों पहलगाम? क्या पर्यटकों को निशाना बनाना नई रणनीति है?
कई विशेषज्ञ मानते हैं कि टूरिज्म को दोबारा पटरी पर लाने की सरकार की कोशिशों को कमजोर करने के लिए आतंकी अब टूरिस्ट्स को निशाना बना रहे हैं। धर्म के नाम पर की गई यह हत्याएं घाटी के माहौल को फिर से जहरीला करने की कोशिश हैं।