रामपुर बुशहर। न्यूज व्यूज पोस्ट/
पशुओं के प्रति किसी भी तरह की क्रूरता के मामले में अधिक संवेदनशीलता के साथ फैसला किया जाना चाहिए, क्योंकि जानवर न बोल सकते हैं, न अपने अधिकारों की मांग कर सकते हैं। पत्रकार वार्ता में पशु प्रेमी एवं एडवोकेट यशवंत सिंह आज़ाद ने कहा कि जानवरों में एक इंसान के समान ही भावनाएं होती हैं। अंतर केवल इतना है कि जानवर बोल नहीं सकते हैं, इसलिए उनके अधिकारों को कानूनी मान्यता होने के बावजूद, वे इस पर जोर नहीं दे सकते। संबंधित व्यक्तियों द्वारा कानून के दायरे में जानवरों के अधिकारों का ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा कि जो भी र। उन्होंने कहा लोग गाय का उपयोग करते हैं और जब वह उपयोग के योग्य नहीं होती तो उन्हें सड़क के किनारे छोड़ देते हैं। उन्होंने कहा कि पशु को कानून के मुताबिक टैग लगाना अनिवार्य है। कुछ लोग हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं। यह प्रशासन की अनदेखी है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अपने पशुओं को गुर्जरों के हवाले ना करें क्योंकि देखने में आया है कि गुज्जर लोगों से पैसे देकर पशु तो पाने के लाभ नाम पर ले लेते हैं लेकिन उनके साथ कुर्ता पूर्ण व्यवहार हो रहा है गुज्जर उन्हें सड़कों में फेंक देते हैं या फिर नदी में इसलिए गुर्जरों को बिल्कुल पशु ना दें।