झाकड़ी: 14 अगस्त, न्यूज व्यूज पोस्ट।
परियोजना विस्थापित टैक्सी मालिकों का एसजेवीएन के नाथपा झाकड़ी परियोजना अधिकारियों के साथ सफल बैठक के उपरांत भी कार्यालय समय में ही हड़ताल पर जाना दुर्भाग्यपूर्ण है । इस बात का खुलासा नाथपा झाकड़ी परियोजना के एक प्रवक्ता ने जारी व्यान में दिया है और कहा है कि यह एक गैर कानूनी एवं गैर जिम्मेदाराना रवैया है । उन्होंने कहा जबकि 31 जुलाई को बाढ़ की चपेट में आने से समेज गांव तहस नहस हुआ था, वहां कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी। जन-जीवन अस्त व्यस्त हुआ था, उसी कार्य में लगे वाहनों को भी बिना किसी सूचना के हटा लिया गया । इसके अलावा 1500 मेगावाट का नाथपा झाकड़ी जल विद्युत परियोजना जो विद्युत-उत्पादन के क्षेत्र में अपनी अभूतपूर्व उपलब्धियों से विश्व मानचित्र पर स्थापित है, और 24 घंटे विद्युत-उत्पादन जारी है । इसके अतिरिक्त यह स्टेशन देश एवं प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था में भी सहयोग प्रदान कर रही है । ऐसे में
एनजेएचपीएस अनिवार्य सेवाओं (essential services) के अंतर्गत आता है, और यहाँ से गाड़ियों को हटा देने के कारण आवश्यक कार्यक्षेत्र की व्यवस्था प्रभावित हुई है । विद्युतगृह का सुचारू संचालन भी बाधित हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इसमें कुछ असामाजिक तत्व शामिल हैं जो टैक्सी मालिकों को मुद्दे से भटका रहे हैं, जबकि पिछले दिन ही उनसे समझौता हुआ था। इसके बावजूद, उन्होंने जानबूझकर प्रबंधन को परेशानी में डालने के लिए यह कदम उठाया है । उन्होंने कहा सीआईएसएफ की क्विक रिस्पांस टीम की गाड़ियों को भी इनके द्वारा हटा लिया गया है। जिससे परियोजना की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो सकता है । प्रवक्ता ने कहा
जहाँ एक ओर पूरा देश 15 अगस्त – स्वतंत्रता दिवस की गाथा का गुणगान करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटा हुआ है। वहीं इस कथित अवांछनीय हड़ताल ने स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम को भी प्रभावित किया है। उन्होंने कहा एनजेएचपीएस इन टैक्सी मालिकों को हिमाचल प्रदेश सरकार और उन की अन्य परियोजनाओं से बेहतर एवं सर्वोत्तम भुगतान कर रहा है । एसजेवीएन एक प्रतिष्ठित संस्था है और टैक्सी मालिकों के कल्याण को हमेशा सर्वोपरि रखती है ।
जबकि पूर्व की देनदारियां पहले से ही बेहतर थी, फिर भी टैक्सी मालिकों के अनुरोध पर एसजेवीएन प्रबंधन एवं टैक्सी मालिकों की आपसी सहमति से 1 अप्रैल, 2024 को मासिक भुगतान में प्रतिमाह प्रति टैक्सी 3000/- रुपए की वृद्धि की गयी । इसके अलावा वाहन अनुबंध की अवधि जो पहले 5 साल निर्धारित थी, उसे भी बढ़ाकर 6 साल कर दिया गया ।
एसजेवीएन प्रबन्धन ने कहा है इस प्रकार की गैर जिम्मेदाराना गतिविधि अवांछित है । इस प्रकार का धरना प्रदर्शन केवल एसजेवीएन की छवि को खराब करने का प्रयास है जो कदाचित उचित नहीं है।