नई दिल्ली, 10 मार्च । न्यूज व्यूज पोस्ट:
भारत में पूर्व सैनिकों की विधवाओं की कुल संख्या 7,40,766 है। सरकार ने इनके कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू किया है, जिनमें पेंशन, वित्तीय सहायता, पुनर्विवाह अनुदान, व्यावसायिक प्रशिक्षण, चिकित्सा सहायता और रोजगार के अवसर शामिल हैं।
कौन से राज्यों में सबसे ज्यादा पूर्व सैनिकों की विधवाएँ?
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कुछ राज्यों में पूर्व सैनिकों की विधवाओं की संख्या काफी अधिक है:
- पंजाब: 75,821
- उत्तर प्रदेश: 72,071
- केरल: 71,570
- महाराष्ट्र: 67,757
- राजस्थान: 61,080
- हरियाणा: 58,083
विधवाओं के लिए पेंशन और अनुदान योजनाएँ
सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों की विधवाओं के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएँ लागू की गई हैं, जिनमें शामिल हैं:
- पारिवारिक पेंशन – सरकार समय-समय पर वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर पारिवारिक पेंशन की समीक्षा करती है।
- महंगाई राहत – पेंशन में वृद्धि करने के लिए महंगाई राहत दी जाती है।
- बेटी की शादी के लिए अनुदान – 2016 से प्रभावी इस योजना में 16,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये तक की सहायता दी जा रही है।
- विधवा पुनर्विवाह अनुदान – हवलदार रैंक तक के पूर्व सैनिकों की विधवाओं को पुनर्विवाह पर वित्तीय सहायता दी जाती है।
- गंभीर रोग अनुदान – गैर-पेंशनभोगी पूर्व सैनिकों और उनकी विधवाओं के लिए चिकित्सा सहायता 1.25 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये कर दी गई है।
- अनाथ अनुदान – पूर्व सैनिकों के बच्चों के लिए अनुदान राशि 1,000 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति माह की गई है।
- विधवाओं के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण – 2023 में लागू इस योजना में 20,000 रुपये से 50,000 रुपये तक की सहायता दी जाती है।
- प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना – पूर्व सैनिकों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति में लड़कों को 2,500 रुपये और लड़कियों को 3,000 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता दी जाती है।
रोजगार के अवसर और आवास सुविधाएँ
पूर्व सैनिकों की विधवाओं को रोजगार और आवास योजनाओं का भी लाभ दिया जा रहा है:
- भारतीय सेना में अधिकारी पदों पर भर्ती – विधवाओं को शॉर्ट सर्विस कमीशन में प्राथमिकता दी जाती है।
- महिला सैन्य पुलिस में भर्ती – सेवा के दौरान शहीद हुए सैनिकों की विधवाएँ इस भर्ती के लिए आवेदन कर सकती हैं।
- नागरिक नौकरियों में अनुकंपा नियुक्ति – रक्षा और नागरिक सेवाओं में ग्रुप ‘C’ की सीधी भर्ती के तहत विधवाओं को नौकरी दी जाती है।
- आवास योजनाएँ – सेना कल्याण आवास संगठन ने अपनी प्रत्येक परियोजना में पूर्व सैनिकों की विधवाओं के लिए 3% कोटा आरक्षित किया है।
सरकार का रुख
रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए कहा कि सरकार समय-समय पर पूर्व सैनिकों की विधवाओं के कल्याण के लिए योजनाओं की समीक्षा और उनमें सुधार करती रहती है। सरकार का उद्देश्य इन परिवारों को सम्मानजनक जीवन और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है।