ठियोग (न्यूज व्यूज पोस्ट)। जिला शिमला के ठियोग उपमंडल से एक बड़ा बैंक घोटाला सामने आया है, जिसमें फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ₹56.83 लाख का लोन हासिल किया गया। यह धोखाधड़ी न केवल आम लोगों की पहचान का दुरुपयोग कर की गई, बल्कि इसमें बैंक अधिकारियों की संलिप्तता भी उजागर हुई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ठियोग के भलेच गांव निवासी संजीव कुमार पर आरोप है कि उसने चार व्यक्तियों—इंदर सिंह, अनिल वर्मा, जगदीश और हरीश चौहान—के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनके नाम से बैंक लोन की लिमिट मंजूर करवाई। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि उन्हें इस फर्जीवाड़े की भनक तब लगी जब बैंकों से नोटिस और कॉल्स आने लगीं।
यह धोखाधड़ी बैंक ऑफ इंडिया की सरोग शाखा में उस समय अंजाम दी गई जब वहां के तत्कालीन शाखा प्रबंधक (जो अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं) और कैशियर तैनात थे। आरोप है कि इन दोनों बैंक अधिकारियों ने संजीव कुमार के साथ मिलकर फर्जी लोन आवेदन मंजूर करवाए और फिर संबंधित खातों से बड़ी रकम निकाल ली गई।
शिकायतकर्ताओं ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि संजीव कुमार ने खुद को संबंधित व्यक्ति बताकर बैंक में नकली हस्ताक्षर किए और राशि की निकासी की। पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर मुख्य आरोपी संजीव कुमार समेत दो बैंक अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बड़ी बातें:
- कुल लोन घोटाला: ₹56.83 लाख
- आरोपी: संजीव कुमार, दो बैंक अधिकारी
- शिकायतकर्ता: इंदर सिंह, अनिल वर्मा, जगदीश, हरीश चौहान
- एफआईआर दर्ज, पुलिस जांच जारी
यह मामला बैंकिंग व्यवस्था की पारदर्शिता और सुरक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।