राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा आयोजित शिमला पुस्तक मेला का उद्घाटन माननीय मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर के कर कमलों द्वारा गेयटी थिएटर में किया गया। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा शिमला पुस्तक मेला भाषा और संस्कृति विभाग, हिमाचल प्रदेश सरकार के संयुक्त तत्वाधान में शिमला के गेयटी थिएटर और पदम देव परिसर में 3 जुलाई 2022 तक आयोजित किया किया जा रहा है।
उदघाटन के अवसर पर हिमाचल प्रदेश के माननीय शिक्षा मंत्री, गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि ज्ञान मनुष्य को मिलने वाली सबसे बड़ी भेंट है, और पुस्तकें निश्चित रूप से ज्ञान का सबसे अच्छा साधन हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे हमारा और देश का भविष्य हैं और यह हमारी जिम्मेदारी है कि हमारे सभी बच्चे बड़े होकर वैश्विक नागरिक बनें। माननीय मंत्री जी ने राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत कि सराहना करते हुए कहा कि न्यास द्वारा ऐसे मेलों और प्रदर्शनियों का आयोजन पुस्तक पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण कदम है।
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के अध्यक्ष प्रो गोविन्द प्रसाद शर्मा ने उदघाटन समारोह में आये अतिथियों का अभिनन्दन करते हुए कहा कि देश की आजादी के साथ शुरू हुए विकास के सफर में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत समाज के हर वर्ग को जागरूक बनाने की दिशा में काम कर रहा है। पुस्तक मेलों का आयोजन आम पाठकों तक पुस्तकें पहुँचाने का एक अहम जरिया हैं। उन्होंने कहा, पुस्तक मेले न केवल विभिन्न प्रकार के साहित्य को सुलभ बनाते हैं बल्कि संस्कृति के आदान-प्रदान और सामाजिक एकीकरण के लिए एक मंच भी प्रदान करते हैं।
न्यास के निदेशक युवराज मलिक ने मेले का उद्घाटन करने के लिए माननीय मंत्री जी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के ज्ञान भागीदार के रूप में, एनबीटी देश भर में 55 से अधिक भारतीय भाषाओं में पाठकों को अच्छी गुणवत्ता वाला साहित्य प्रदान करके राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहा है। उन्होंने मेले में आने वाले लोगों को सलाह दी कि वे अपने किसी प्रियजन को कम से कम एक किताब उपहार में दें, और कहा कि स्कूल के बच्चों और स्कूल प्रशासन के लिए पुस्तकों पर विशेष छूट भी उपलब्ध कराइ जाएगी। राकेश कंवर, सचिव, (भाषा-संस्कृति) ने बच्चों को मेले में प्रदर्शित पुस्तकों का पूरा लाभ उठाने के लिए उत्साहित किया। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम कि पुस्तकों के साथ-साथ अन्य प्रकार कि पुस्तकें पढ़ना भी व्यक्तित्व विकास के लिए बेहद आवश्यक है।
के.आर.भारती, वरिष्ठ लेखक ने कहा कि किताबें मनुष्य की सबसे विश्वास्य साथी हैं। उन्होंने कहा कि जितना ज़रूरी किताबें लिखना है उससे ज़्यादा ज़रूरी किताबें पढ़ना है, और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत हर पाठक को किताबें उपलब्ध कराने की दिशा में मेलों और प्रदर्शनियां आयोजित कर निरंतर काम कर रहा है।
इस पुस्तक मेले में 43 जानेमाने प्रकाशकों द्वारा 63 से भी ज़्यादा स्टाल्स लगाए जाएंगे। न्यास व अन्य लोक-प्रिय प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित हिंदी, अंग्रेजी, हिमाचली, पंजाबी और उर्दू के अलावा अन्य भारतीय भाषाओँ की पुस्तकें मेले में बिक्री हेतु उपलब्ध होंगी। इसके अलावा सभी आयु वर्ग के पाठकों के लिए लोकोपयोगी विज्ञान, लोकप्रिय सामाजिक विज्ञान, भारत-देश और लोग, राष्ट्रीय व आत्मजीवनचरित, लोक-संस्कृति और भारतीय व विश्व साहित्य जैसे विषयों में गुणवत्ता और किफायती पुस्तकें मौजूद होंगी। प्रतिदिन साहित्यिक, सांस्कृतिक और बच्चों के लिए अनेक कार्यशालाएं व प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत न्यास द्वारा बच्चों के लिए प्रकाशित द्विभाषी पुस्तकों के साथ-साथ नई श्रृंखला इंडिया@75 भी मेले में प्रदर्शित की जाएगी जो पाठकों को हमारे स्वतंत्रता सैनानियों के जीवन और संघर्षों से परिचित कराती है।
मेले का समय प्रतिदिन प्रातः11 बजेसेरात्रि8 बजे तक होगा। मेले में प्रवेश नि:शुल्क है व सभी के लिए किताबों पर विशेष 10% तक की छूट होगी। इस अवसर पर लेखक, साहित्य प्रेमी, प्रकाशक और सभी पुस्तक प्रेमी सादर आमंत्रित हैं।