रामपुर बुशहर। विशेषर नेगी —-
खेलो इंडिया युनिवर्सटी गेम में हिमाचल विश्वविद्याल की ओर से
बॉक्सिंग प्रतिस्पर्धा 75 किलो ग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल लेने वाली
रामपुर महाविद्यालय की छात्रा श्रेतिमा ठाकुर का रामपुर महाविद्याल
पहुँचने पर हुआ जोरदार स्वागत। श्रेतिमा ने इस दौरान कहा यह उन की
शुरुआत लक्ष्य कॉमनवेल्थ गेम। महाविद्यालय के प्राचार्य ने कहा यह
क्षेत्र ही नहीं हिमाचल के लिए बढ़ी उपलब्धि।
खेलो इंडिया युनिवर्सटी गेम में हिमाचल विश्वविद्याल की ओर से
बॉक्सिंग प्रतिस्पर्धा 75 किलो ग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल लेने वाली
छात्रा श्रीतिमा का रामपुर महा विद्यालय पहुंचने पर शिक्षकों और छात्रों
ने जोरदार स्वागत किया। भारत सरकार के खेल मंत्रालय की ओर से आयोजित
खेलो इण्डिया बॉक्सिंग प्रतियोगिता जो बैंगलुरु के जैन विश्विद्यालय
में 23 से 29 अप्रेल तक आयोजित हुई थी उस में श्रेतिमा ने 75
किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किया। श्रेतिमा ने सेमीफाइनल
मुकाबले में कुरुक्षेत्रा विश्वविद्यालय की तमना को पछाड़ा और फ़ाइनल में
आगरा विश्विद्यालय दीपिका को हरा कर गोल्ड मैडल पर कब्जा जमाया।
उन्होंने बताया बॉक्सिंग लीग से हट कर खेल था। उन्हें अलग चुनौतीपूर्ण
लक्ष्यों को हासिल करने का जज्बा था इस लिए बॉक्सिंग को चुना। उन्होंने
बताया यह उन की शुरुआत है अगला लक्ष्य 2024 ओलम्पिक खेल है।
- रामपुर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर पीसीआर नेगी ने बताया
रामपुर महाविद्यालय के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। क्योंकि पूरे
राष्ट्रीय स्तर पर एक पहाड़ी एवं दूर-दराज के ग्रामीण परिवेश से जुड़ी
छात्रा ने स्वर्ण पदक झटका है तो स्वभाविक है कि कि यह बहुत ही बड़ी
उपलब्धि है। उन्होंने कहा रामपुर महाविद्यालय में 5000 छात्र पढ़ते हैं।
उन्हें भी प्रेरणा ऐसे होनहार छात्रों से मिलेगी। उन्होंने कहा रामपुर
महाविद्यालय में बॉक्सिंग का शुरू से ही काफी प्रचलन है और उसी को ध्यान
में रखते हुए इसी दिशा में महाविद्यालय में प्रयास किए और यही कारण है कि
आज राष्ट्रीय स्तर पर यह उपलब्धि छात्रा ने हासिल की है।
-रामपुर महाविद्यालय की बॉक्सर छात्रा श्रेतिमा ने बताया कि गोल्ड
मेडल जीता है, इसकी उन्हें बहुत ज्यादा खुशी है। लेकिन अब उन्हें और
ज्यादा मेहनत करनी है इससे भी आगे बढ़ने के लिए। उनका अगला मुख्य
लक्ष्य 2024 के ओलंपिक है ,उसके लिए वे पूरी तरह तैयारी कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि बॉक्सिंग इसीलिए उन्होंने चुना क्योंकि यह थोड़ा सा
अलग सा खेल है। उन में इतना हुनर थी की इस खेल के काबिल बने।
श्रेतिमा ने कहा अभी तो यह शुरुआत है और बहुत आगे जाने का लक्ष्य। है