रिकांग पिओ, 10 मार्च । न्यूज व्यूज पोस्ट – किन्नौर जिला प्रशासन बाल एवं किशोर श्रम के उन्मूलन के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उपायुक्त किन्नौर डॉ. अमित कुमार शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित जिला कार्यक्रम कार्यबल (टास्क फोर्स) की बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि जिले में बाल श्रम को पूरी तरह समाप्त करने के लिए ठोस कार्रवाई की जाए।
श्रम अधिकारी सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने बैठक में बताया कि बाल एवं किशोर श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के तहत 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी व्यवसाय में कार्य करने की अनुमति नहीं है। साथ ही, 18 वर्ष से कम आयु के किशोरों के लिए खतरनाक उद्योगों में काम करना पूरी तरह प्रतिबंधित है। कानून के उल्लंघन पर 6 माह से 2 वर्ष तक की कैद और ₹20,000 से ₹50,000 तक जुर्माने का प्रावधान है।
उपायुक्त डॉ. अमित कुमार शर्मा ने निर्देश दिए कि टास्क फोर्स संगठित रूप से काम करे और ऐसे मामलों की सख्त निगरानी रखे। उन्होंने बाल श्रम में लिप्त नियोक्ताओं पर कार्रवाई तेज करने और जागरूकता अभियान चलाने पर भी जोर दिया।
बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी, पुलिस प्रशासन, बाल कल्याण समिति, जिला विधिक सहायता प्राधिकरण और मानव तस्करी रोधी इकाई के सदस्य मौजूद रहे। नोडल अधिकारी अभिषेक शेखर ने कहा कि सभी विभाग समन्वय बनाकर काम करें ताकि बच्चों को शिक्षा और सुरक्षित भविष्य मिल सके।
किन्नौर प्रशासन का यह प्रयास बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे बच्चों को मुख्यधारा में शामिल करने और उनके अधिकारों की रक्षा करने में मदद मिलेगी।